अवैध मस्जिदों और प्रवासियों के खिलाफ प्रदेश में लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। लोग धरने प्रदर्शन कर सरकार से अवैध कब्जा हटाने की मांग कर रहे हैं। देवभूमि संघर्ष समिति हिमाचल इस पूरे आंदोलन की अगुवाई कर रही है। इसी कड़ी में अब देवभूमि संघर्ष समिति ने आज यानी शुक्रवार को प्रदेश के मंदिरों में हनुमान चालीसा के पाठ किया, ताकि प्रदेश सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे को समझे और उसको सद्बुद्धि आए।
इस दौरान इस मुद्दे पर समाज को जागरूक करने के लिए बीते 28 अक्टूबर को हमीरपुर में प्रदर्शन के दौरान निधन होने पर स्व. वीरेंद्र परमार को श्रद्दांजलि अर्पित कर उनके हिंदू समाज के लिए किए बलिदान को भी याद किया जाएगा।
शिमला की संजौली अवैध मस्जिद पर 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस पर पूरे प्रदेश के हिंदू समाज की नजरें टिकी हुई हैं। हिंदू समाज उम्मीद कर रहा है कि इस दिन अवैध मस्जिद पर हिमाचल के हित्त में जरूर फैसला आएगा। वहीं देवभूमि संघर्ष समिति भी इसके फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रही है। देवभूमि संघर्ष समिति ने इससे एक दिन पहले पूरे प्रदेश में हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला लिया था। संघर्ष समिति की मानें तो यह पाठ प्रदेश सरकार और प्रशासन को सदबुद्धि प्रदान करने के लिए मंदिरों में किया।
संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि, प्रदेश के मंदिरों में 4 अक्टूबर को हनुमान चालीसा का पाठ कर सरकार और प्रशासन को इस मसले पर सद्बुद्धि मांग की गई ताकि प्रदेश बहुसंख्यक समाज की भावनाओं के मुताबिक अवैध मस्जिद पर फैसला आए। उन्होंने कहा कि, जिस तरह से हमारे पूर्वजों यह हिमाचल हमें सुरक्षित सौंपा हो, इसी तरह का यह आगे भी सुरक्षित रहे और यहां देवाज्ञा के अनुसार कार्य हो। यही उम्मीद हम सरकार से कर रहे हैं।
भारत भूषण ने कहा कि इसी दिन स्व. वीरेंद्र परमार की हिंदू समाज के लिए किए गए बलिदान को याद करने के लिए उनको पुष्पांजलि अर्पित किया। स्व. वीरेंद्र परमार ने हिंदू समाज को जागरूक करने के लिए अपना बलिदान दिया है, जिसको प्रदेश के लोग सदैव याद रखेंगे।