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सुदर्शन राष्ट्रीय व्याख्यानमाला: राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान पर दिनेश शर्मा जी का संबोधन

सुदर्शन व्याख्यान माला के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान पर दिया सम्बोधन।

Sumant Kashyap
  • Aug 10 2024 7:54PM
भारतवर्ष ब्रिटिश गुलामी से अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर स्वतंत्रता का अमृतकाल मना रहा है। 15 अगस्त से पूर्व हर वर्ष आपका प्रिय सुदर्शन न्यूज चैनल स्वतंत्रता सप्ताह मनाता है। 2005 में जब सुदर्शन का प्रसारण प्रारंभ हुआ था, तब से हर वर्ष अगस्त क्रांति दिवस अर्थात 9 अगस्त से 15 अगस्त तक सुदर्शन न्यूज 'स्वतंत्रता सप्ताह' का आयोजन करता रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोकप्रिय व्यक्तित्व के साथ आम जनता की सहभागिता होती है।

जानकारी के लिए बता दें कि, आज यानी शनिवार 10  अगस्त को इस स्वतंत्रता सप्ताह का दूसरा दिन है। दरअसल, सुदर्शन व्याख्यान माला के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान पर अपना सम्बोधन दिया। वही सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने स्वागत करते हुए उन्हें पुस्तक भेट किया। 

सुदर्शन न्यूज के 'स्वतंत्रता महोत्सव सप्ताह' में राष्ट्र निर्माण का संदेश देते हुए डॉ दिनेश शर्मा जी ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान पर अपना सुविचार रखा। उन्होंने कहा कि, "पुरातन भारत अपनी संस्कृति के कारण आज अग्रता हासिल कर पा रहा है। यहां नारी का हर रूप में सम्मान सर्वोपरि है। नारी का सम्मान गुरु के बराबर है। भारत की संस्कृति में नारियों का नाम पहले आता है जैसे यहाँ, लक्ष्मी नारायण, गौरी शंकर, राधा कृष्ण कहा जाता है। भारत ने इतिहास में भी नारी को आगे रखकर अपनी शौर्य गाथा लिखी है। इस देश ने द्रौपदी के अपमान पर महाभारत होते देखा है और सीट के अपमान पर रावण के संपूर्ण खानदान को नष्ट होते देखा है।"

दिनेश शर्मा जी ने कहा कि, "नारी समाज की आधारशिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा जब हम नारी को सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ाएंगे। पुराने समय में राजनीति हो या शिक्षा, हर क्षेत्र में भी नारी की भूमिका रही है। आज महिला सशक्तिकरण की जरूरत है। हमने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान, 'लाडली बहना योजना' चलाया है। उत्तर प्रदेश में बेटी होने पर आर्थिक सहायता दी जाती है, उनकी सुरक्षा और शिक्षा का दायित्व यूपी सरकार उठा रही है। बांग्लादेश का अल्पसंख्यक भी मोदी जी को देखकर अपने अधिकारों और प्राणों की रक्षा के लिए सड़कों पर आया है। हम आज मुस्लिम बहनों को वक्फ बोर्ड में स्थान दे रहे हैं। एक महिला देश का बजट बना रहीं हैं।" 

दिनेश शर्मा जी बताया कि, बंगाल में जब महिलाओं पर अत्याचार की घटना हुई तो सुदर्शन ने अभियान चला कर दोषियों को दंड दिलवा कर ही माना। हिंदुस्तान के मन तक सुदर्शन की आवाज पहुंची है। सुदर्शन चैनल ने लक्ष्मी सहगल, बीकाजी कामा, दुर्गा भाभी जैसे भूले बिसरे महिलाओं के नामों की समय-समय पर चर्चा करके उन्हें लोगों से अवगत कराया है। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में सुदर्शन चैनल ने राष्ट्र चेतना का प्रखर संकल्प लिया था। 

भारत आज विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है, क्योंकि हमने महिलाओं की भूमिका को अहम स्थान दिया है। महिला आज अबला नहीं, सबला है। बदलाव के इस दौर में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उल्लेख करते हुए कहां की देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला है, जिन्होंने अनेक संघर्षों के बाद अपने जीवन को देश की सेवा में लगा दिया।‌ भारत की संस्कृति ऋषि और कृषि के तारतम्य से बनी है, जिसकी आधार भी स्त्री ही है। प्रत्येक रूपों में महिलाएं सम्मान की अधिकारी हैं, भारत की आत्मा है। जिसमे राष्ट्र की चेतना है... वह मेरा है।

उन्होंने कहा कि, बांग्लादेश जैसी हालत अगर हमारे देश में हुए तो यहां की बहादुर महिलाएं ही उनसे निपटने के लिए काफी है। हिंदुस्तान की खाने वाली कुछ लोग (ओवैसी) विदेशी आकाओं से खुद को जोड़ते हैं। यह देश एपीजे अब्दुल कलाम, अब्दुल हमीद, अशफाक उल्ला खां का देश है जिसे कोई बाँट नहीं सकता है। आज लोग जाति, क्षेत्र के नाम पर हमें बांटना चाहते हैं। विपक्ष की दुर्भावना सनातन को बांटने की है। 14 अगस्त को क्यों हमारा देश पाकिस्तान और बांग्लादेश को अलग कर के बांटा गया? क्यों कांग्रेस के कारण विभाजन की विभीषिका को झेलना पड़ा? 

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