दिल्ली के बुराड़ी स्थित कौशिक एन्क्लेव में एक निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत गिरने की घटना में अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 12 लोग सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है, और आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। पुलिस ने इस घटना को लेकर बिल्डर योगेंद्र भाटी के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है।
देर शाम गिर गई इमारत
पुलिस के अनुसार, यह घटना शाम करीब सात बजे हुई जब बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव में आस्कर पब्लिक स्कूल के पास निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे में कई श्रमिक मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही मौके पर दमकल विभाग की नौ गाड़ियां और एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई, जिन्होंने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। अब तक 17 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है, जिनमें से पांच की मृत्यु हो गई है, जबकि 12 का इलाज अस्पताल में चल रहा है। मृतकों में मध्य प्रदेश के राधिका (7) और साधना (17), उत्तर प्रदेश के अनिल कुमार गुप्ता (42), बिहार के कादिर (40) और सरफराज (20) शामिल हैं।
मलबे में और लोग दबे होने की आशंका
दमकल विभाग के कर्मचारियों के अनुसार, मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं, जिनको बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बुराड़ी पुलिस ने इस हादसे के लिए बिल्डर योगेंद्र भाटी के खिलाफ लापरवाही से मौत और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
श्रमिकों को इमारत में रहने की अनुमति
बताया जा रहा है कि बिल्डर ने श्रमिकों को इमारत में रहने की अनुमति दी थी, जहां वे अपने परिवारों के साथ रहकर निर्माण कार्य में जुटे हुए थे। इमारत में फिनिशिंग कार्य चल रहा था, जैसे पेंटिंग, लकड़ी के गेट और अलमारी का काम।
बिल्डिंग की कमजोर बुनियाद
इस इमारत का निर्माण पिछले एक साल से हो रहा था, और घटनास्थल के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि जब बिल्डर ने इस जगह को खरीदा था, तो वहां केवल एक भूतल था। भाटी ने पैसे बचाने के लिए पुराने ढांचे को तोड़े बिना और बिना सही मरम्मत किए ही उस पर चार मंजिला इमारत खड़ी करवा दी, जिससे उसकी बुनियाद कमजोर हो गई और वह गिर गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें
इस दुर्घटना के बाद राहत कार्य में परेशानी आ रही है, खासकर जर्जर सड़कों और इलाके में टूटी बिजली लाइन के कारण। रात के समय रेस्क्यू कार्य अंधेरे में किया गया, और एंबुलेंस के आने-जाने में भी दिक्कतें आईं।