केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान कहा कि पीएम मोदी ने हर अतर्राष्ट्रीय मंच पर हिंदी में अपने विचार व्यक्त कर इसका गौरव बढ़ाया। शाह ने कहा कि जब तक हम सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत नहीं करेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने हिंदी को सशक्त बनाने के लिए 2 बड़े कार्य किए जाने की आवश्यकता भी बताई। पहली यह कि हिंदी साहित्य को मजबूत करने, संजोने और व्याकरण के लिए दीर्घकालीन नीति बनाई जाए। दूसरा, आधुनिक शिक्षा के सभी पाठ्यक्रमों का हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की भी आवश्यकता है।
अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हाल ही में पीएम मोदी ने 5 और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया। भारत विश्व का अकेला ऐसा देश है जहां ग्यारह भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने कहा कि 2014-2024 तक का समय भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन का गौरवमयी कालखंड है। अमित शाह ने कहा कि भारत में मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्राथमिक और सेकेंडरी शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना है।
अमित शाह ने एक्स पर दी जानकारी
अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि आज नई दिल्ली में केंद्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक में समिति के सदस्यों, संसदीय राजभाषा समिति के सदस्यों और राजभाषा विभाग के सदस्यों के साथ संवाद किया।
उन्होंने लिखा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और राजभाषा के व्यापक उपयोग के गौरवशाली कालखंड का साक्षी बन रहा है। मोदी सरकार एक ओर दूरगामी नीतियों और योजनाओं से स्थानीय भाषाओं को प्रासंगिक बना रही है, वहीं दूसरी ओर इन्हें टेक्नोलॉजी से जोड़कर भविष्यगामी भी बना रही है।