निजी अस्पतालों और नर्सिंग एसोसिएशन (पीएचएएनए) ने दावा किया है कि, राज्य सरकार पर 600 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है और उन्होंने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत चिकित्सा उपचार प्रदान करना बंद करने की धमकी भी दी थी.
वहीं पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने निजी अस्पतालों के उन दावों का खंडन कर दिया है. राज्य सरकार पर आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत विभिन्न उपचारों के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों की कुल लंबित राशि 364 करोड़ रुपये है. बलबीर सिंह ने कहा कि लंबित भुगतानों के ब्योरे से पता चलता है कि सार्वजनिक अस्पतालों पर 166.67 करोड़ रुपये और निजी अस्पतालों के 197 करोड़ रुपये बकाया है.
मंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल 2024 से सरकार ने निजी अस्पतालों को 101.66 करोड़ रुपये और सार्वजनिक अस्पतालों को 112 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. बलबीर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एनएचए) द्वारा दावा प्रसंस्करण के लिए लॉन्च किए गए एक नए सॉफ्टवेयर पर स्विच करने के बाद फरवरी से तकनीकी गड़बड़ियां पैदा हुईं, जिसके परिणामस्वरूप प्रसंस्करण धीमा हो गया. हालांकि, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) ने समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए, जिनमें अधिक कर्मचारियों को तैनात करना और सप्ताहांत और छुट्टियों पर काम करना शामिल है.
मंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही राज्य स्वास्थ्य एजेंसी को दावा प्रसंस्करण में तेजी लाने और आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों को नियुक्त करने का आदेश दिया है.