असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश से कथित अवैध घुपैठ को देखते हुए झारखंड में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) तैयार करने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड हाई कोर्ट में घुसपैठ पर हलफनामा प्रस्तुत करने के बाद राज्य सरकार को तुरंत एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि "केंद्र ने विस्तृत सांख्यिकीय आंकड़े पेश किए हैं, जिनसे पता चलता है कि झारखंड में आदिवासी आबादी किस तरह घट रही है. हलफनामा संथाल परगना की स्थिति उजागर करता है. झारखंड सरकार को एनआरसी लागू करना चाहिए."
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने पर यह लागू होगा. मैं पूछना चाहता हूं कि जब केंद्र के हलफनामे के बाद सब कुछ साफ हो चुका है तो कल से ही मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? घुसपैठ के कारण आदिवासी पहचान और अस्तित्व खतरे में है. मुख्यमंत्री को सख्त कदम उठाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि "अगर 10 साल तक यही स्थिति रही तो डीलिमिटेशन के बाद आदिवासियों के हाथ में कुछ नहीं रहेगा. जिस तरह आदिवासियों की संख्या कम होती जा रही है, आज अगर नया परिसीमन होता है तो संथाल में कितनी आदिवासी सीटें बचेंगी. सब कुछ आदिवासियों के हाथ से निकल जाएगा."