केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया. गडकरी ने कहा कि यह ऑफर विपक्ष के एक बड़े नेता ने किया था लेकिन मैंने उसे यह कहते हुए इनकार कर दिया है मुझे पद की लालसा नहीं है.
उन्होंने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन जिस नेता ने मुझे यह ऑफर किया था, उसने ये कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनेंगे तो हम आपका समर्थन करेंगे. मैंने उनसे पूछा कि आप मेरा समर्थन क्यों करना चाहते हैं और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए? मैंने उनसे कहा कि पीएम बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि मैंने उनसे यही कहा कि मैं अपने आइडियोलॉजी और संगठन के प्रति वफादार हूं. मैं उस पार्टी में हूं जिसने मुझे वह सब कुछ दिया है जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करूंगा क्योंकि दृढ़ विश्वास का पालन करने वाला व्यक्ति हूं. इस दौरान गडकरी ने पत्रकारिता और राजनीति दोनों में नैतिकता के महत्व को जोर दिया. उन्होंने ये भी कहा कि ईमानदारी से विरोध करने वाले व्यक्ति का सम्मान किया जाना चाहिए. लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया जैसे चारों स्तंभ नैतिकता का पालन करे.