संभल में प्राचीन काल के मंदिरों और कुओं की खोज जारी है। हाल ही में प्रशासन को एक और प्राचीन कुआं मिला है, जिसे स्थानीय लोग "रामकूप" कह रहे हैं। यह कुआं हरिहर मंदिर को तोड़ कर बनाए गए जामा मस्जिद के पास स्थित है। माना जा रहा है कि यह कुआं 25 साल पहले मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने इस स्थल की खुदाई शुरू कर दी है।
रामकूप की ऐतिहासिकता
प्राचीन कथाओं और स्थानीय लोगों के अनुसार, संभल में ऐसे कई प्राचीन कूप और मंदिर मौजूद हैं, जो समय के साथ लुप्त हो गए थे। प्रशासन ने बुधवार को खुदाई के दौरान इस नए कूप का पता लगाया। कुएं के पास "श्री राम चबूतरा" भी मौजूद है, जिससे इसकी ऐतिहासिकता और बढ़ जाती है।
25 साल पहले पाट दिया गया था कुआं
स्थानीय लोगों का कहना है कि रामकूप को लगभग 25 साल पहले मिट्टी से पाट दिया गया था। इसके ऊपर अतिक्रमण कर लिया गया था। जब अतिक्रमण हटाने वाली टीम ने जमीन की खुदाई की, तो यह कुआं नजर आया। इसके बाद नगरपालिका की टीम ने राजस्व विभाग और पुलिस की मौजूदगी में खुदाई का काम शुरू किया।
70 फीट गहरा है यह प्राचीन कुआं
खुदाई के दौरान पता चला कि यह कुआं लगभग 70 फीट गहरा है। पहले इस क्षेत्र में पूजा-अर्चना होती थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण यह स्थान बंद हो गया था। प्रशासन अब इस कुएं की पूरी जांच कर रहा है और इसे फिर से संरक्षित करने की योजना बना रहा है।
संभल में मंदिरों और कुओं की खोज जारी
संभल में प्राचीन मंदिरों और कुओं की खोज प्रशासन का एक प्रमुख अभियान बन गया है। खासतौर पर विवादित जामा मस्जिद के आसपास अतिक्रमण हटाने और प्राचीन स्थलों को पुनः खोजने का कार्य तेज हो गया है। प्रशासन का मानना है कि इस क्षेत्र में और भी ऐतिहासिक धरोहरें मिल सकती हैं।
संभल में प्राचीन धरोहरों की खोज से यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से और भी समृद्ध हो सकता है। प्रशासन की यह पहल न केवल अतीत को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों को फिर से जीवंत करने का प्रयास भी है।