हाथरस हादसे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि, वो इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएं। हालांकि, CJI ने घटना पर कहा कि, यह हादसा दुखद और परेशान करने वाला है। बता दें कि, वकील विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले पर सुनवाई की मांग की थी।
हादसे पर याचिकाकर्ता ने SC में PIL की थी दायर
बता दें कि, 2 जुलाई को हाथरस भगदड़ में करीब 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने PIL दायर किया था। इस पीआईएल कहा गया था कि, "हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त की जाए।" हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है।
सु्प्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि, "वह इस याचिका को हाईकोर्ट में ले जाए। कोर्ट ने टिप्पणी दी कि, यद्यपि यह एक परेशान करने वाली घटना है। लेकिन वह इस मामले पर विचार नहीं कर सकते है और हाईकोर्ट ऐसे मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त सशक्त है।"
बता दें कि, बाबा नारायण हरि, जिन्हें साकार विश्वहरि या भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। उनके लिए आयोजित सत्संग के लिए हाथरस जिले के फुलराई गांव में 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे। जबकि केवल 80,000 लोगों को ही अनुमति दी गई थी। हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से बाबा को क्लीनचिट दे दी गई है।