मेरठ के किठौर का रहने वाला अली मुर्तजा एक बड़ी साजिश से बाल-बाल बचा। अली को मक्का में बंधक बना लिया गया और उसपर दबाव बनाया गया कि वह सीरिया जाकर जिहाद में शामिल हो। शर्मनाक बात ये रही कि उसका पासपोर्ट तक छीन लिया गया, ताकि वह भाग न सके। पीड़ित अली मुर्तजा ने खुद सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
उसने साफ बताया कि कैसे एक सोची-समझी साजिश के तहत उसे फंसाया गया। टिकट और उमरा का पूरा इंतजाम किठौर निवासी मोहम्मद अब्दुल्ला के ट्रैवल एजेंट के जरिए हुआ था। वहीं, मक्का में रहने के लिए रुड़की का हाजी शहजाद नाम का शख्स सामने आया, जिसने अली का पासपोर्ट कब्जे में ले लिया।
हाजी शहजाद ने अली पर दबाव डाला कि वह सीरिया जाए और जिहाद में कूद पड़े। उसे झांसा दिया गया कि वहां उसे कमांडर बना दिया जाएगा और हर महीने 50 हजार डॉलर की मोटी रकम दी जाएगी। इतना ही नहीं, दुबई के रास्ते सीरिया भेजने का पूरा खाका तैयार कर रखा था।
खुद को बचाने के लिए अली ने वीडियो बनाकर सच्चाई दुनिया के सामने रख दी। जैसे-तैसे वह उस होटल से भी भाग निकला, जहां उसे कैद करके रखा गया था, और अपने जानकारों की मदद से मक्का में सुरक्षित पहुंचा। स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई, तब जाकर हाजी शहजाद के गुर्गों से अली का पासपोर्ट वापस लिया गया।
अब अली ने NIA समेत जांच एजेंसियों से मांग की है कि इस पूरी साजिश की परतें खोली जाएं और दोषियों को बेनकाब कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि कैसे कुछ कट्टरपंथी भारत के नौजवानों को फंसा कर आतंक के रास्ते पर धकेलने की नापाक चालें चल रहे हैं।