रविवार (13 अप्रैल 2025) को नागालैंड सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (पर्सनल 'ए' शाखा) द्वारा दो अधिसूचनाएं जारी की गईं, जिन पर नागालैंड प्रदेश कांग्रेस समिति (NPCC) ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। यह दिन पाम संडे भी था, जो ईसाई समुदाय के लिए एक पवित्र धार्मिक अवसर होता है।
पहली बार रविवार को स्थानांतरण आदेश
जारी की गई अधिसूचनाएं PAR-4/6/2020/A और PAR-4/6/2020/B के अनुसार, नागालैंड के इतिहास में पहली बार रविवार को ट्रांसफर ऑर्डर जारी होने का मामला है, जब से राज्य का गठन 1963 में हुआ था। NPCC का कहना है कि इस तरह के निर्णय राज्य की परंपराओं और धार्मिक संवेदनाओं के खिलाफ हैं।
वहीं, कांग्रेस ने राज्य सरकार से यह अपील की है कि शासन को संवेदनशीलता के साथ चलाया जाए और ऐसे कदम उठाए जाएं जो नागा समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें। साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि नागालैंड की नीतियों को हिंदुत्व विचारधारा या आरएसएस के दृष्टिकोण से प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।
NPCC ने स्पष्ट रूप से सरकार से मांग की है कि इन दोनों अधिसूचनाओं को या तो वापस लिया जाए या पुनः विचार किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की परंपरा न बन जाए जो समाज में असंतोष का कारण बन सकती है।