हाथरस में हुई भयावह हादसे के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार और पुलिस एक्शन मोड में है। एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान हाथरस के गांव फुलरई में उम्मीद से कई ज्यादा भीड़ इक्कठी हो गई थी. खराब व्यवस्था के कारण भगदड़ में 123 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके बाद राज्य की पुलिस इस हादसे के दोषियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरु कर दी है। गुरुवार को हरिगढ़ पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि, भगदड़ मामले में अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हरिगढ़ आईजी ने आगे बताया कि, "हमने मुख्य आरोपी प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। हादसे में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है। सभी शवों की पहचान कर ली गई है और पोस्टमार्टम प्रक्रिया भी पूरी हो गई है।"
कहीं साजिश तो नहीं
आईजी मधुकर ने कहा कि, जब भगदड़ मची तो छह सेवादार घटनास्थल से भाग गए थे। जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा रहा है। जल्द ही गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। हम इस बात की भी जांच करेंगे कि क्या यह घटना किसी साजिश के तहत हुई है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार छह आरोपियों में चार पुरुष में चार पुरुष और दो महिलाएं हैं।
समय पर पहुंचे अधिकारी
गिरफ्तार हुए आरोपियों में रहबरी सिंह यादव, भूपेन्द्र सिंह यादव, मेघ सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी है। ये सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं और सेवादार के रूप में काम करते थे। उन्होंने कहा कि, घटना की जानकारी मिलते ही हाथरस जिले के सभी अधिकारी न केवल समय पर घटना स्थल पर पहुंचे बल्कि, घायलों की भी सहायता की।
आश्रम में चला तलाशी अभियान
इससे पहले गुरुवार को यूपी पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले बाबा के खिलाफ मैनपुरी स्थित राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में एक तलाशी अभियान चलाया। घटना पर सभा के आयोजकों को नामित करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन जिस बाबा के दर्शन को लेकर सब कुछ हुआ, उसको अभी तक एफआईआर में नामित नहीं किया गया है।
न्यायिक जांच आयोग का गठन
सीएम योगी ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद से ही प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई करना शुरु कर दिया है। बता दें कि, जांच में विषय वस्तु की व्यापकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिटायर्ड जज ब्रिजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है।