उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुए 18 साल पहले श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट हमले में जिला अदालत ने सुनवाई की है। जिसमें जिला अदालत ने दो आरोपी हिलालुद्दीन और नफीकुल को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि इसके पहले साल 2016 में कोर्ट द्वारा आतंकी ओबैदुररहमान और आलमगीर उर्फ़ रोनी को फाँसी की सजा सुनाई गयी थी। जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट में लंबित है। जानकरी के अनुसार इस ब्लास्ट में आतंकियों नें भारत को तबाह करने और जेहाद फ़ैलाने के लिए जगह-जगह ब्लास्ट करने की योजना बनाई थी।
क्या है पूरा मामला
आज से तकरीबन 18 साल पहले सन 2005 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल बोगी में 5-6 आतंकियों द्वारा RDX लगा कर ब्लास्ट से उड़ने का मामला सामने आया था। जिसमें साल 2016 से कार्यवाई लंबित पड़ी हुई थी। जिसे लेकर जिला अदालत ने सुनवाई करते हुए दो आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि ये धमाका श्रममजीवी एक्सप्रेस में धमाका 28 जुलाई की शाम को सवा 5 बजे के आसपास हुआ था। जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी और 62 लोग घायल हो गए थे।
जानकारी है कि इसके पहले साल 2016 में कोर्ट द्वारा आतंकी ओबैदुररहमान और आलमगीर उर्फ़ रोनी को फाँसी की सजा सुनाई गयी थी। इस केस से जुड़े आरोपी याहिया को एनकाउंटर में मारा जा चुका है। जबकि आतंकी डॉ सईद का पता नहीं चला सका है। इसके आलावा आतंकी शरीफ उर्फ़ कंचन फ़रार चल रहा है।
कैसे हुआ ब्लास्ट
28 जुलाई 2005 को जौनपुर के सिंगरामऊ थाना क्षेत्र के हरिहरपुर रेलवे स्टेशन के क्रासिंग पर पहुंचते ही शाम 5 बजकर 20 मिनट पर श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में ब्लास्ट हुआ था. ब्लास्ट के बाद अफरा-तफरी मच गई थी. हादसे में 14 यात्री मारे गए थे जिसमे 2 जौनपुर के रहने वाले थे, जबकि 62 यात्री घायल हुए थे।