एयरो इंडिया 2025 के दूसरे दिन, थलसेना प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रक्षा उद्योग के अग्रणी प्रतिनिधियों से मुलाकात की और नवीनतम रक्षा तकनीकों का अवलोकन किया। उनका यह दौरा भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता, स्वदेशीकरण और रक्षा उद्योग के साथ सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्वदेशी तकनीक और रणनीतिक साझेदारियाँ
जनरल द्विवेदी ने कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय रक्षा कंपनियों के स्टॉल्स का दौरा किया, जहाँ उन्हें ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम, एविएशन प्लेटफॉर्म और उन्नत मिसाइल तकनीक जैसी अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया।
उन्होंने भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा,
"भारतीय सेना की 85% खरीद स्वदेशी है। हमारी पूंजीगत और राजस्व आवश्यकताओं के तहत हम UAVs, Counter-UAVs, एविएशन, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल्स (ATGMs) और मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम्स (MANPADS) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके अलावा, विभिन्न उपकरणों और प्लेटफॉर्म्स के उन्नयन के लिए हम भारतीय उद्योग से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं।"
ALH हेलिकॉप्टर कार्यक्रम की सफलता
जनरल द्विवेदी ने स्वदेशी उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर (ALH) कार्यक्रम की सफलता को रेखांकित किया, जिसमें भारतीय सेना ने पिछले दो वर्षों में 40,000 घंटे की उड़ान पूरी की है। उन्होंने कहा,
"ALH के मामले में, पिछले दो वर्षों में हमने 40,000 घंटे उड़ान भरी है। एक को छोड़कर, हमें कोई बड़ी समस्या नहीं हुई है। अब, जो कुछ भी हम देख रहे हैं, वह 'मेड इन इंडिया' होना चाहिए, क्योंकि आत्मनिर्भरता हमारी मुख्य प्राथमिकता बनी रहेगी।"
रक्षा उद्योग के साथ सहयोग
COAS ने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय सेना रक्षा उद्योग के साथ शुरुआत से ही मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा,
"एयरो इंडिया में देखा गया कि सेना की आवश्यकताओं को रक्षा उद्योग द्वारा पूरा किया जा रहा है।"
यह साझेदारी सेना की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने और विश्वस्तरीय रक्षा तकनीक के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
COAS द्वारा देखे गए स्टॉल्स
जनरल द्विवेदी ने प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के स्टॉल्स का दौरा किया। इन स्टॉल्स में निगरानी प्रणालियों, मिसाइल तकनीक और अगली पीढ़ी के एयरोस्पेस प्लेटफॉर्म्स का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने विभिन्न एविएशन प्लेटफॉर्म्स की स्थिर प्रदर्शनी (Static Display) का भी निरीक्षण किया।
भविष्य की दिशा
एयरो इंडिया 2025 में भारतीय सेना की स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में चल रही पहल को और बल मिला है। जनरल द्विवेदी की उद्योग जगत से बातचीत इस बात की पुष्टि करती है कि भारतीय सेना अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को अपनाने और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।