बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में, काशिमपुर सेंट्रल श्मशान स्थित एक मंदिर में एक हिंदू पुजारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई और मंदिर को लूट लिया गया। यह घटना बांग्लादेश के नाटोर जिले के श्मशान घाट में घटित हुई, जहाँ चरमपंथियों द्वारा पुजारी की हत्या की गई, जिस पर इस्कॉन ने कड़ी निंदा की है।
हिंदू पुजारी की हत्या और मंदिर लूटे जाने की घटना
इस्कॉन की कोलकाता इकाई ने इस घटना पर गहरा दुःख और चिंता व्यक्त की है। संस्था के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि यह हमला बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने बताया कि काशिमपुर के श्मशान घाट स्थित मंदिर में पुजारी तरुण चंद्र दास की हत्या कर दी गई और मंदिर के कीमती सामानों को लूट लिया गया। मृतक पुजारी के हाथ और पैर बंधे हुए थे, जो यह संकेत करते हैं कि उन्हें हत्या से पहले शायद बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था।
बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में हाल ही में तीन मंदिरों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें आठ मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। हलुआघाट पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने शुक्रवार सुबह शाकुई संघ में बोंडेरपारा मंदिर पर हमला कर दो मूर्तियों को तोड़ दिया। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। वहीं, गुरुवार सुबह हलुआघाट स्थित पोलाशकंडा काली मंदिर पर भी हमला किया गया, जिसमें मूर्ति को नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने इस मामले में 27 वर्षीय एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है।
बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल
राधारमण दास ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रही है। उन्होंने शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय पर लगातार हमलों और उत्पीड़न की घटनाओं का हवाला दिया। दास के अनुसार, बांग्लादेश पुलिस ने इस घटना को केवल एक डकैती का मामला बताया, जो कि सच्चाई से बहुत दूर है।
मंदिरों पर हमले और हिंदुओं के खिलाफ बढ़ता अत्याचार
बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। 'वॉइस ऑफ बांग्लादेशी हिंदू' नामक सोशल मीडिया पेज पर एक पोस्ट में दिखाया गया कि किस प्रकार बीरगंज उपजिला के झारबारी गांव में स्थित एक हिंदू मंदिर पर हमला किया गया और हिंदू देवताओं की मूर्तियों को तोड़ दिया गया। इसके अलावा, विभिन्न भिक्षुओं ने यह भी बताया कि हिंदू समुदाय के लोग अपने घरों और संपत्तियों को खो रहे हैं और लगातार हमलों और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
सुरक्षा की कमी और बढ़ती हिंसा
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लिए हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जहाँ न केवल उनके धार्मिक स्थल बल्कि उनके घर भी सुरक्षित नहीं हैं। इन घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में है और स्थिति में सुधार की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।