उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ और मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए जाने के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि महाकुंभ में कोई बड़ा हादसा हो, लेकिन उनका षड्यंत्र सफल नहीं हुआ।
दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए गए हैं। उन्होंने मांग की कि महाकुंभ की व्यवस्था पर स्पष्टता देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और इस बैठक में व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सेना को सौंपने की बात कही।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह से सरकार बजट के आंकड़े पेश करती है, वैसे ही महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े और घायल लोगों के इलाज, भोजन और परिवहन का विवरण भी संसद में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष के बयान को बताया शर्मनाक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का बयान शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर सनातन धर्म के खिलाफ साजिश कर रहे थे और ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देना चाहते थे, लेकिन उनका प्रयास विफल हो गया।
अखिलेश यादव ने उठाया कार्रवाई का मुद्दा
अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, विशेषकर मृतकों के आंकड़े छिपाने को लेकर। उन्होंने कहा कि जो लोग सच को छिपा रहे हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आंकड़े दबाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है और जहां जरूरी इंतजाम थे, वहां केवल प्रचार किया गया। अखिलेश यादव ने धार्मिक आयोजनों में सरकार के प्रचार को निंदनीय बताया।