चरवा के कलापत का पूरा गाव मे राजू पुत्र नोखे लाल रहते है। राजू ने एक साल पहले बुलडोजर (JCB) UP 73 A 9852 खरीदा। राजू के मुताबिक उनके बुलडोजर खरीदा कर काम करने पर क्षेत्र ने एक बुलडोजर संचालक उससे रंजिस रखने रखा। जिसने सजिस के तहत एक माह पहले तलब से अवैध मिट्टी खनन का झूठा आरोप लगा कर सर्किल अफसर चायल से मिली भगत कर उसके बुलडोजर को फर्जी मुक़द्दमे मे सीज करा दिया। थाना चरवा पुलिस ने उसके बुलडोजर को घर से कब्जे मे लेकर थाने उठा लाई। पीड़ित युवक राजू ने 24 जून को जिला अदालत से बुलडोजर को छोड़ने का आदेश पुलिस को लाकर दिया। बावजूद इसके पुलिस ने सर्किल अफसर के कहने पर बुलडोजर को छोड़ने से इंकार कर दिया। थाना पुलिस की कस्टडी मे खड़े बुलडोजर को 28 जून को खान अधिकारी ने एक सुनियोजित सजिस के तहत दोबारा सीज़ कर दिया गया। सीज़ करने का कारण मिट्टी का अवैध खनन दिखाया गया। जबकि पीड़ित ने बुलडोजर का GPS सिस्टम की लोकेशन सहित अफसर को दिखाई।
पीड़ित ने शनिवार को डीएम मधुसूदन के सामने पेश हुआ। राजू ने रोकर डीएम के सामने अपने बुलडोजर को थाना पुलिस और खान अधिकारी की कार्यवाही से आज़ाद कराये जाने की गुहार लगाई। पीड़ित ने कहाँ डीएम साहब मेरा बुलडोजर कैद मे है इसलिए मई उसकी एक रुपये महीने की किश्त नहीं भर पा रहा। मेरे ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है।
डीएम मधुसूदन ने प्रकरण मे पीड़ित की बात सुनकर संबन्धित थाना प्रभारी व सर्किल अफसर से बात करने की कोशिस की। लेकिन उनका फोन नहीं लग सका। इसके बाद डीएम ने खान अधिकारी को संबन्धित प्रकरण से जुड़ी फाइल के साथ तलब का है। पीड़ित को उन्होने जांच के कार्यवाही का आश्वासन दिया है। पीड़ित ने डीएम के आश्वासन पर इंसाफ मिलने का भरोसा जताया है।