एक और 'दृश्यम'...बीमा की राशि पाने पूरे परिवार की हत्या की रची साजिश...शहर दर शहर घूमता रहा पूरा परिवार और लिखता रहा स्क्रिप्ट
रहस्यमयी तरीके से लापता हुए परिवार मामले में कांकेर पुलिस ने बढ़ा खुलासा किया है। कार में आग लगाने के बाद से लापता परिवार ने बीमा की राशि पाने के लिए अपने पूरे परिवार की हत्या की साजिश खुद रची थी। पुलिस ने मामले में परिवार के पूरे सदस्यों को सकुशल बरामद कर लिया है।
योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र के ग्राम पीव्ही 42 में एक व्यापारी ने अपने ही परिवार की हत्या की साजिश रच डाली। साजिश भी ऐसी की कार सवार पूरा परिवार एक सड़क हादसे में पेड़ से टकराकर जलकर खाख हो गए। परिवार के जीवित होने की जानकारी पुलिस को पता करने में 2 से 3 दिन लग गए दो दिनों तक फोरेंसिक टीमें कार में मानव अवशेष तलाशती रही, पर पुलिस को कार में कुछ नहीं मिला। लेकिन मामले का पूरा खुलासा परिवार के मिलने के बाद हुआ। परिवार के प्रमुख ने बीमा के 72 लाख रुपये की राशि पाने के लिए पूरे परिवार की हत्या की साजिश रची थी।
घटना के दिन क्या हुआ था?
पूरा मामला चारामा थाना क्षेत्र के ग्राम चावड़ी का है। यहाँ 1 मार्च की रात्रि 11 बजे एक कार पेड़ से टकराकर जलती हुई पुलिस को मिली। पुलिस ने गाड़ी मालिक का पता लगाना शुरू किया तो जानकारी मिली कि जली हुई अर्टिका कार पखांजूर के ग्राम पीव्ही 42 निवासी समीरन सिकदार की है। कहा जाने लगा कि घटना में कार सवार परिवार के सदस्य समीरन सिकादर, पत्नी जया, बेटा दीप और बेटी कृतिका जलकर मृत हो गए। दो दिनों तक फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम कार की जांच कर मानव अवशेष तलाशती रही, लेकिन पुलिस को सफलता नही मिली। 5 अलग अलग टीमें गठित कर जांच शुरु हुई, जिसमें परिवार घटना की रात धमतरी के लॉज में रुकना पाया गया। सीसीटीवी फुटेज भी इस बात की गवाही देने लगे कि परिवार मरा नहीं, बल्कि जीवित है। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई, तो रायपुर से एक जानकारी सामने आई जिसमे परिवार के सभी सदस्य रायपुर के एक फोटो स्टूडियो में फ़ोटो लेकर फरार हो गए थे। ये दो जीवित प्रमाण सुर्खियां बटोरने लगे और पुलिसिया जांच जारी रही।
कैसे मिला सुराग?
जांच के दौरान पुलिस की टीमें लभगभ 9 लाख से अधिक मोबाइल नंबर और 1000 से अधिक सीसी टीवी फुटेज खंगालती रही, लेकिन सुराग नहीं मिल पाया। पर सोमवार की शाम जब पुलिस को लापता परिवार की जानकारी पखांजूर में मिली, तो पुलिस ने देर ना करते हुए सभी को बरामद कर लिया।
पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी समीरन सिकादर ने पूछताछ ने बताया कि परिवार कब सदस्य समीरन पोएट्री फार्म का व्यापार किया करता था। जिसके ऊपर 25 लाख से अधिक का कर्ज था। जिसे चुकपान असमर्थ समीरन बेटे को रायपुर में उपचार करने के बहाने ले जाकर धमतरी के एक लॉज में रुकवा दिया और खुद कार को चारामा के चावड़ी के पास सुनसान इलाके में पेड़ से टकराकर पेट्रोल छिड़क आग लगा दी, यहाँ से वह पैदल ही चारामा पहुंच बस में सवार होकर धमतरी पहुंचा और परिवार को लेकर रायपुर बस स्टैंड से इलाहाबाद पहुंचा। यहाँ दो दिन रुकने के बाद वह पटना और पटना से गोहाटी पहुंचा। यहाँ वह कुछ काम करना चाहता था। इस बीच बिहार से एक सिम खरीद कर इंटरनेट के माध्यम से अखबारों से अपनी खबर पढ़ता रहा। जब उसे लगा कि उसे पुलिस मरा हुआ नहीं बल्कि गुमशुदा समझ रही है और बीमा के 72 लाख रुपये उसे नहीं मिलेंगे, तो वह पूरे परिवार के साथ वापस घर लौट आया। जहाँ से पुलिस ने उसे परिवार सहित पकड़ लिया है। वहीं पुलिस ने मामले में गाड़ी में आगजनी करने व अन्य मामले में दोषी बनाते हुए आरोपी समीरन सिकादर के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया है।
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