इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में विद्युत व्यवस्था को लेकर नियम-56 के तहत विपक्ष द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बिजली बहुत महत्वपूर्ण हो गयी हैं। विगत 05 महीने से भीषण़ गर्मी पड़ रही है। अभी बरसात के समय में भी भारी उमस है।
फिर भी बिजली विभाग के कार्मिक मुख्यमंत्री के निर्देश व उनके नेतृत्व में विद्युत आपूर्ति बहाल रखने के लिये दिन-रात मेहनत कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भीषण गर्मी में पूरे देश में सर्वाधिक 30,618 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति उ0प्र0 में की गई जो कि भारत के इतिहास में अभी तक किसी राज्य ने नहीं किया। विगत कई महीनों से पूरे देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति उत्तर प्रदेश को सकुशल की जा रही है। कहा कि विपक्ष को हमारे आंकड़ों पर विश्वास नहीं लेकिन बता दूं कि उनके समय में जिन संस्थाओं से आंकड़े आते थे वहीं से हमें भी आंकड़े आ रहे हैं। वर्ष 2013-14 से ढाई गुना ज्यादा बिजली प्रदेश को दी जा रही है, उस समय पीक डिमाण्ड 12,327 मेगावाट थी जो कि इस वर्ष 30,618 मेगावाट हो गई। जहां वर्ष 2013-14 में 81,598 मि0 यूनिट विद्युत आपूर्ति पूरे वर्ष में की गई, जबकि इसकी दोगुनी 1,47,701 मि0 यूनिट विद्युत आपूर्ति वर्ष 2023-24 में की गई।
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्ररेणा से प्रदेश में 1.21 लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण वर्ष 2017 के बाद किया गया, जबकि पहले की सरकार ने मात्र कुछ ही गांव में विद्युत आपूर्ति पर ध्यान केन्द्रित कर रखा था। बता दंे कि प्रदेश के 19,530 मजरो में विद्युतीकरण के लिये 917 करोड़ रूपये की कार्ययोजना बनाकर केन्द्र को भेजा गया है। शीघ्र ही इन शेष बचे मजरों का भी विद्युतीकरण हो जायेगा। किसानों की समस्याओं पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने 01 अप्रैल 2023 से किसानों के निजी नलकूपो के बिजली बिलों को माफ कर दिया है। किसानों की फसलों को सूखने से बचाने के लिये उनके लिये निर्धारित रोस्टर 10 घंटे की विद्युत आपूर्ति में दो घंटे की और बढ़ोतरी की गयी, जो कि अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी तेजी से कार्य हो रहा है। अन्य प्रदेशों से भी सौर ऊर्जा खरीद के लिये अनुबन्ध किये गये है। इस समय सोलर में लगभग 560 मेगावाट क्षमता की विद्युत उत्पादन होने जा रहा है। 40 मेगावाट का उत्पादन अयोध्या में शुरू हो गया है। 6800 मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट पाइन लाइन में है। विन्ड में 1300 मेगावाट, हाइड्रो में 5400 मेगावाट, पम्प स्टोरेज में 2500 मेगावाट क्षमता के साथ आने वाले 10 वर्षों में वर्तमान क्षमता का 05 गुना से ज्यादा विद्युत उत्पादन होने लगेगा। ट्रांसफार्मर की जहाँ तक बात है, विगत एक वर्ष से कराये गये अनुरक्षण कार्यो के कारण ट्रांसफार्मर जलने में कमी आई है। विगत 02 वर्षों की बात करें तो 33/11 केवी उपकेन्द्रों में बड़े क्षमता के 30,000 ट्रांसफार्मर लगाये गये, 40,000 ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई तथा 21,43,981 नये खंभे लगाये गये।