महाराष्ट्र के अमरावती से एक मामला सामने आया है. दरअसल, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. मुस्लिम भीड़ ने कहीं मंदिर को घेर लिया. इसके बाद सड़कों पर पत्थर बरसाने लगे. भीड़ जब बेकाबू हो गई तब पुलिस ने कंट्रोल करने के लिए लाठीचार्ज किया और आसू गैस के गोले भी छोड़े. फिलहाल अमरावती में पुलिस के अतिरिक्त बल को तैनात किया गया है. मकसद एक ही था. 'गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा.
बताया जा रहा है कि 4 अकटूबर को पौन ग्यारह बजे के आस पास कट्टरपंथियों ने दो दर्जने से ज्यादा पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया. 30 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया. 22 से ज्यादा पुलिस की गाड़ियों को तोड़ फोड़ डाला है. बता दें कि शुरुआत गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर से हुई है. हजारों उन्मादियों की भीड़, मजहबी नारे लगाते हुए. महाकाली मंदिर को चारो तरफ से घेर लिया. नवरात्रि के मौके पर जो भक्त मंदिर के अंदर थे. उनको भयभीत करना चाहती थी ये भीड़, ताकत दिखाना चाहती थी.
इसके बाद यूपी पुलिस एक्शन में आई. थोड़ी ही देर में शोर सन्नाटे में तब्दील हो गया. लेकिन कुछ ही देर बाद पता चला कि उपद्रव डासना में ही नहीं देश के कई हिस्सों में फैल चुका है. लोगों ने कहा कि ये गुस्ताखी तो बस बहाना,हिन्दू उपद्रवियों का निशाना है. डासना के बाद यूपी के ही बुलंदशहर में मुस्लिम भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. भड़काऊ नारे लगाने वाले मुस्लिमों को हिरासत में लिए जाने पर मुस्लिम भीड़ आक्रामक हो गई और जम कर पथराव करने लगी पुलिस ने पथराव और दंगा करने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मुजफ्फरनगर में भी इस उपद्रवियों की भीड़ ने जम कर सड़कों पर नंगा नाच किया. यूपी ही नहीं दिल्ली, महाराष्ट्र और देवभूमि हरिद्वार तक सड़कों पर जमकर जिहादी झुंड ने जमकर बवाल काटा है. भीड़ को कंट्रोल करने में जुटी पुलिस टीम पर भी इस भीड़ ने हमला किया. मजहबी कट्टरता के दम पर बवाल मचाने का ये पैटर्न अब सवालों के घेरे में हैं. क्योंकि कांवड़ यात्रा से लेकर गणेश उत्सव में बवाल,और अब नवरात्रि के पर्व पर मंदिरों को घेरकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास. हिन्दू आस्था के साथ साथ पुलिस व्यवस्था के लिए भी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.