इजराइल हिजबुल्लाह के ठिकानों को चुन-चुनकर नष्ट कर रहा है। इस बीच, हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद अब इजरायली मीडिया ने उसके उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन की हत्या का दावा किया है। येरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हाशिम सफीद्दीन को बेरूत में निशाना बनाया गया है।
इजरायली अधिकारियों के अनुसार, इजरायली लड़ाकू विमानों ने गुरुवार को आधी रात के आसपास भीषण हवाई हमलों की बौछार कर दी। इन हमलों का मकसद मृतक हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के ममेरे भाई और संभावित उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन को निशाना बनाना था।
यह इजरायली हमला नसलल्लाह को मारने वाले हमले से कही ज्यादा बड़ा था। इस हमले के बाद बंकर पूरी तरह तबह हो गया। यह हमला बेरूत के दहिह उपनगर में हाशिम सफीदीन को निशाना बनाकर किया गया था। हमला उस समय किया गया जब सफीद्दीन एक अंडरग्राउंड बंकर में हिजबुल्लाह को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीक्रेट मीटिंग कर रहा था। बता दें कि, सफीद्दीन, जो हिज्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद का प्रमुख था, समूह के राजनीतिक संचालन की देखरेख करता था। हालांकि, इसके मरने की खबर को लेकर इजरायली रक्षा बलों या लेबनान में हिजबुल्लाह की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सफीद्दीन जिहाद काउंसिल में शामिल है, जो सैन्य अभियानों का मैनेजमेंट करने का काम करती है। आपको बता दें कि, रिश्ते में सफीद्दीन नसरल्लाह का चचेरा भाई लगता है। इसको अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा साल 2017 में आतंकवादी घोषित किया गया था।
कौन है सफीद्दीन
1960 के दशक की शुरुआत में दक्षिणी लेबनान में जन्मा सफीद्दीन हिज्बुल्लाह के शुरुआती सदस्यों में से एक हैं। सफ़ीदीन 1980 के दशक में लेबनान के लंबे गृहयुद्ध के दौरान ईरानी मार्गदर्शन के तहत हिज्बुल्लाह में शामिल हो गया। वह नसरल्लाह का करीबी था और उसने संगठन में कई भूमिकाएं निभाईं थी। एक राजनीतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नेता के रूप में सेवा करने के साथ-साथ, उसने हिज्बुल्लाह की सैन्य गतिविधियों की भी कमान संभाला था।नसरल्लाह की तरह सफीद्दीन को आमतौर पर काली पगड़ी पहने देखा जाता है, जिसका मतलब एक शिया मौलवी होता है। हाशिम, जो खुद को पैगंबर मोहम्मद का वंशज बताता है।1995 में सफीद्दीन को हिज़्बुल्लाह की सर्वोच्च परिषद, इसकी शासी सलाहकार सभा में पदोन्नत किया गया और इसके तुरंत बाद उन्हें समूह की जिहादी परिषद का प्रमुख नियुक्त किया गया। जिहादी काउंसिल हिजबुल्लाह की सैन्य गतिविधियों को नियंत्रित करती है।ठीक तीन साल बाद, 1998 में, सफीद्दीन को पार्टी की कार्यकारी परिषद का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। इस पद पर नसरल्लाह दो बार रह चुका था। नसरल्लाह की तरह, उसने ईरान में पढ़ाई की। हिज्बुल्लाह के लिए काम करने के लिए लेबनान लौटने से पहले सफीद्दीन ने ईरानी शहर कोम में अपने अध्ययन के दौरान तेहरान के साथ मजबूत संबंध बनाए।