छत्तीसगढ़ के रायपुर में मंगलवार को श्री श्री रवि शंकर के लोगों के जीवन उत्थान के लिए किए गए व्यापक कार्यों की सराहना करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “आर्ट ऑफ लिविंग और सुदर्शन क्रिया के माध्यम से गुरुदेव न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। एक समय था जब ध्यान और योग को नजरअंदाज किया जा रहा था, लेकिन गुरुदेव ने इन्हें पुनः सशक्त किया।”
CM साय ने सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग के बीच एक महत्त्वपूर्ण समझौता (MoU) होने की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि गुरुदेव के आशीर्वाद से गाँवों के विकास, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, नशामुक्ति, स्वच्छता और आजीविका सृजन जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आने वाले समय में व्यापक कार्य किया जाएगा।”
साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित महासत्संग में 200 से अधिक गाँवों के लोग व हजारों भक्त उपस्थित थे, गुरुदेव ने नक्सलियों से हिंसा का मार्ग छोड़ने और राज्य के विकास व गौरव के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
श्रीश्री ने कहा, “नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवा मेरे अपने हैं। उनके हृदय में पीड़ा है, आँखों में सपने हैं, और उनके कुछ सिद्धांत हैं, जिनके लिए उन्होंने हिंसा का मार्ग अपना लिया। मैं मानता हूँ कि वे साहसी, ऊर्जावान और समाज में सबका विकास चाहते हैं और इसी भावना के साथ उन्होंने अपना जीवन दांव पर लगाकर नक्सलवाद का रास्ता चुना।”
युवाओं को मुख्यधारा में आने का निमंत्रण देते हुए गुरुदेव ने कहा, "इसी मंच से मैं इन सभी युवाओं से आह्वान करता हूँ कि आइए, हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ और भारत को गौरवान्वित करें। जब आप मुख्यधारा में शामिल होंगे, हम आपके साथ खड़े रहेंगे। इस देश में आपको किसी चीज की कमी नहीं होगी। हर गाँव में पानी होगा, हर घर तक बिजली पहुँचेगी, शिक्षा और प्रशिक्षण की सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, और रोजगार के अवसर सृजित किए जाएँगे।”
सुबह, शहर में आर्ट ऑफ लिविंग के आगामी "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" की आधारशिला रखी गई, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार के माननीय वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी उपस्थित थे और समारोह के बाद उन्होंने गुरुदेव से भेंट की। इसके अलावा, विश्वविद्यालय परिसरों में खुशी लौटाने, छात्रों के लिए तनावमुक्त वातावरण बनाने, मानसिक स्पष्टता व भावनात्मक संतुलन विकसित करने और जीवन के विभिन्न पहलुओं को कुशलता से संभालने के लिए आवश्यक साधनों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, आर्ट ऑफ लिविंग ने राज्य के पाँच प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ एमओयू भी किए। इनमें ब्रह्मविद- द ग्लोबल स्कूल, प्रमिला गोकुलदास डागा कॉलेज फॉर गर्ल्स, भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (रायपुर), श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी (रायपुर), और ग्रेशियस कॉलेज (रायपुर) शामिल हैं।
पवित्र सोमनाथ ज्योतिर्लिंग अवशेषों की कहानी
श्रीश्री द्वारा अनावरण किए गए रहस्यमय और शक्तिशाली अवशेष मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का हिस्सा हैं, जिसे 1026 ईस्वी में महमूद ग़ज़नी ने तोड़ दिया था। ऐसा माना जाता था कि ये अवशेष समय के साथ खो गए थे, लेकिन एक सहस्राब्दी के बाद वे फिर से प्रकट हुए हैं। एक कठिन समय में, जब पूरी सभ्यता शोक में थी, अग्निहोत्री ब्राह्मणों ने लिंग के इन खंडों को अपने साथ दक्षिण भारत ले गए। पीढ़ियों तक उन्होंने इन अवशेषों को पूर्ण गोपनीयता के साथ संरक्षित रखा, ताकि एक दिन वे अपने सही स्थान पर लौट सकें। अंततः, ये अवशेष पंडित सीताराम शास्त्री जी के परिवार की देखरेख में पहुँचे। कांची शंकराचार्य ने शास्त्री जी को निर्देश दिया, “आप इन्हें बेंगलुरु में गुरुदेव के पास ले जाएँ। वे एक महान आत्मा हैं। वे इसकी प्रतिष्ठा के लिए आपकी मदद करेंगे।”