इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय द्वारा लगाए गए आरोप कि प्रदेश सरकार मजारों का ऊर्जीकरण करती जा रही लेकिन विद्युत उत्पादन पर ध्यान नहीं दे रही।
लगातार विद्युत कटौती हो रही है का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है आने वाले समय में राज्य को जितनी भी बिजली की जरूरत होगी, उतनी दी जाएगी। अभी भी गांवों में 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 21ः30 घंटे तथा जिला व मंडल मुख्यालयों, औद्योगिक क्षेत्रों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। मंगलवार की रात को प्रदेश में विद्युत की अप्रत्याशित मांग 30,940 मेगावाट थी, इसमें से मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत मांग को नहीं पूरा किया जा सका, जबकि इस मांग के सापेक्ष 29,680 मेगावाट विद्युत आपूर्ति को सकुशल पूरा किया गया।
पूरे देश में बिजली की सर्वाधिक पीक डिमांड को पूरा करने वाला एक मात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। बरसात में कोयला भीगा होने से प्लांट ट्रिप हो जा रहे। विपरीत परिस्थितियों में भी बाढ़,बरसात, आंधी व तूफान के मौसम में जहां कि लाइन ट्रिप हो रही हो, विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर व कई सब स्टेशन पानी में डूबे हो ऐसी स्थिति में भी प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा गया है जबकि विद्युत आपूर्ति एक तकनीक आधारित व्यवस्था है, फिर भी विद्युत कार्मिक दिन रात परिश्रम कर विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए है। ट्रांसफार्मर लगाने में विलंब पर उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी ऐसी शिकायतें हो, उसे उपलब्ध कराए, जिन कार्मिकों ने ट्रांसफार्मर को बदलने में निश्चित समय अवधि का पालन नहीं किया, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष के सदस्य अनिल प्रधान द्वारा पूछे गए सवाल कि प्रदेश के वंचित क्षेत्रों का विद्युतीकरण कब होगा का जवाब देते हुए कहा कि सपा कांग्रेस शासन के दौरान 1.50 लाख जो मजरे अंधेरे में छोड़े गए ऐसे लाखों मजरों और करोड़ों घरों तक बिजली पहुंचाई गई है। इसमें से 1.21 लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण कराया जा चुका है, डेढ़ करोड़ से अधिक घरों को विद्युत कनेक्शन देकर रोशन किया गया। अभी भी 19,530 मजरो में विद्युतीकरण कराना बाकी है, इसमें पूर्वांचल में 8114 मजरे, मध्यांचल में 8804 मजरे, दक्षिणांचल में 2585 मजरों का विद्युतीकरण होना है, इसके लिए 917 करोड रुपए से कार्य कराया जाना है और वर्ष 2026 तक इस विद्युतीकरण के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ऐसे क्षेत्रों का भी विद्युतीकरण करवा रही, जहां पर विद्युत तंत्र विकसित करना संभव नहीं है, जैसे की वनीय क्षेत्र, पहाड़ों, नदियों के मुहानों, तराई क्षेत्रों का सौर ऊर्जा के माध्यम से व्यापक स्तर पर विद्युतीकरण कराया जा रहा है।