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भारतीय सेना की एरो इंडिया 2025 में भागीदारी, रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम

भारतीय सेना की एरो इंडिया 2025 में भागीदारी उसकी आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और तकनीकी उत्कृष्टता की ओर जारी यात्रा को उजागर करती है।

Deepika Gupta
  • Feb 12 2025 7:33PM

भारतीय सेना की एरो इंडिया 2025 में भागीदारी उसकी आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और तकनीकी उत्कृष्टता की ओर जारी यात्रा को उजागर करती है। इस वर्ष के कार्यक्रम की थीम "एक अरब अवसरों की रनवे" के अनुरूप, सेना अपनी संचालनात्मक क्षमताओं को बदलने की प्रक्रिया में है ताकि विकासशील युद्धभूमि की चुनौतियों का सामना किया जा सके, और इसमें अत्याधुनिक प्रणालियों, स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और रणनीतिक साझेदारियों का समाकलन शामिल है।

एरो इंडिया 2025 भारतीय सेना के नवीनतम विकास, स्वदेशी रक्षा समाधान और उद्योग भागीदारों के साथ सहयोगों को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। यह कार्यक्रम भारतीय सेना की एरो इंडिया में अब तक की सबसे बड़ी प्रदर्शनी का प्रतीक है, जो इसके हवाई क्षेत्र में बढ़ते हुए प्रभाव को दर्शाता है और इसके आधुनिकीकरण रोडमैप के प्रमुख मील के पत्थर को उजागर करता है।

एरो इंडिया 2025 में भारतीय सेना की भागीदारी के प्रमुख आकर्षण:

भारतीय सेना द्वारा सबसे बड़ी प्रदर्शनी

इस वर्ष, भारतीय सेना एरो इंडिया में अपनी सबसे बड़ी प्रदर्शनी प्रस्तुत कर रही है। प्रदर्शनी में इसके आधुनिकीकरण प्रयासों के विभिन्न पहलुओं को कवर किया गया है, जिसमें स्वदेशीकरण, प्रौद्योगिकी समावेशन और इसके हवाई बेड़े की संचालनात्मक उत्कृष्टता शामिल है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य रक्षा पेशेवरों और जनता को सेना की भविष्य-तैयार क्षमताओं से परिचित कराना है।

आर्मी डिजाइन ब्यूरो (एडीबी)

आर्मी डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) विभिन्न कार्यक्रमों जैसे मेक, iDEX और ATB के तहत विकसित किए गए कई सफल प्रोटोटाइप को प्रदर्शित कर रहा है। सेना के कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रमुख नवाचारों जैसे विद्युत रक्षक और अस्मी, सेना की घरेलू तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देने और रक्षा उद्योग के साथ उसके बढ़ते सहयोग को दर्शाते हैं, ताकि बड़े पैमाने पर समेकित समाधान तैयार किए जा सकें।

स्वदेशीकरण निदेशालय 50 से अधिक स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियाँ और भविष्य में घरेलू उत्पादन के लिए लगभग 200 घटक प्रदर्शित करेगा। यह प्रयास रक्षा प्रौद्योगिकी में सेना की आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भरता) की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है, साथ ही विदेशी आयातों पर निर्भरता को कम करने के लिए सेना की रणनीति को भी उजागर करता है।

सेना एविएशन कोर के स्वदेशी विकास

सेना एविएशन निदेशालय सेना एविएशन कोर में नवीनतम विकासों का प्रदर्शन कर रहा है, जिसका ध्यान संचालनात्मक उत्कृष्टता और स्वदेशी क्षमताओं पर है। प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों, शोधकर्ताओं और एविएशन उत्साही लोगों को शामिल करना है, ताकि एविएशन क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान हो सके।

समस्याओं के संकलन (CPDS) 2025 का शुभारंभ

भारतीय सेना समस्याओं के संकलन (CPDS) 2025 का अनावरण कर रही है, जिसमें उद्योग और अकादमिक संस्थानों के साथ नवाचार और शोध सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 82 नई समस्याएँ शामिल हैं। पिछले संस्करण की सफलता, जिसमें 61 परियोजनाओं की शुरुआत हुई थी, पर आधारित CPDS सेना की विकसित होती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है।

द्विपक्षीय सगाई

सेना की भागीदारी विदेशी प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय सगाई को भी बढ़ावा देती है। ये चर्चाएँ सरकारी-to-सरकारी सहयोग को मजबूत करने, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने और सहयोग के नए अवसरों का पता लगाने पर केंद्रित हैं। सेना विभिन्न विदेशी देशों के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तैयार है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय रक्षा साझेदारियों को बढ़ावा मिलेगा।

आगे का मार्गदर्शन: स्वदेशी समाधान और रणनीतिक साझेदारियों का भविष्य

एरो इंडिया 2025 भारतीय सेना के लिए उद्योग नेताओं, नवप्रवर्तकों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ जुड़ने का एक प्रमुख अवसर है, जिससे स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना होती है। जैसे ही सेना अपने दशक (2023-2032) के रूपांतरण में आगे बढ़ रही है, इसका ध्यान आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने और देश की युद्धक क्षमताओं को भविष्य के लिए तैयार करने पर केंद्रित है।

भारतीय सेना की एरो इंडिया में भागीदारी एक आधुनिक, आत्मनिर्भर और रणनीतिक रूप से स्वायत्त रक्षा बल की दिशा में उठाए जा रहे कदमों का उदाहरण है। यह कार्यक्रम सेना की प्रतिबद्धता को फिर से पुष्ट करता है कि वह स्वदेशी समाधानों का लाभ उठाकर और मजबूत साझेदारियों को स्थापित करके एक विकसित भारत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।


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