महाराष्ट्र के सातारा में बुधवार दोपहर हुई कथित पटाखा विस्फोट की घटना केवल एक दुर्घटना नहीं हो सकती है। एक साधारण पटाखा बनाने के सेंटर में इतना भयंकर विस्फोट हुआ कि तीन किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित हो गया... क्या यह महज पटाखों का मामला था, या इसके पीछे कोई खतरनाक खेल चल रहा था?
मुजमीन पालकर, जो चिकन सेंटर की आड़ में अवैध पटाखे बना रहा था, इस धमाके में अपनी जान गंवा बैठा। लेकिन सवाल यह है कि एक साधारण पटाखा निर्माण इकाई से इतना भयंकर विस्फोट कैसे संभव है? धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास के घरों की दीवारें तक दरक गईं, खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए और कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए। क्या इतनी व्यापक तबाही सिर्फ पटाखों के कारण हो सकती है? यह एक गंभीर सवाल है।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मुजमीन के भाई को हिरासत में लिया, लेकिन असली मामले की परत तब खुली जब उसके चचेरे भाई तबरेज पालकर का नाम सामने आया। ये लोग केवल पटाखे बनाने का काम नहीं कर रहे थे, बल्कि कुछ बेहद खतरनाक गतिविधियों में लिप्त थे। तबरेज ने पुलिस को बताया कि उसने विस्फोटक सामग्री को नष्ट करने की कोशिश की थी। क्या यह केवल पटाखे बनाने का धंधा था, या बम बनाने की योजनाएं चल रही थीं?
जांच के दौरान, पुलिस का जाल सातारा से लेकर बार्शी और सोलापुर तक फैला। यहां से दो और संदिग्ध गिरफ्तार किए गए- शोएब अली मणियार और अकिब हमीद पिंजारी। इनमें से एक के पास पटाखे बेचने का लाइसेंस था, लेकिन जो सामग्री बेची जा रही थी, वह सामान्य पटाखों के लिए नहीं लग रही थी। क्या यह सिर्फ आतिशबाजी का सामान था, या किसी बड़े षड्यंत्र की तैयारी हो रही थी?
अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन यह मामला यहीं समाप्त नहीं होता। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कहाँ से आई? इसके पीछे कौन-कौन से बड़े चेहरे हैं जो छिपे हुए हैं?
सातारा का यह धमाका केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक बड़े साजिश का हिस्सा हो सकता है। सवाल यह है कि क्या यहाँ केवल पटाखे बनाए जा रहे थे, या फिर कोई गंभीर खतरा lurking था? पुलिस अब इस पूरी जटिलता को सुलझाने में जुटी हुई है, और निकट भविष्य में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।