देशभर में आज यानी शनिवार को दशहरा मनाया जा रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में सबसे अलग 13 अक्टूबर को दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा. कुल्लू का दशहरा अमूमन देश भर से अलग तरह से ही मनाया जाता है. तो आइये जानते हैं यहां कैसे दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है.
हर साल की तरह, इस वर्ष भी कुल्लू में दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। 2024 का कुल्लू दशहरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी जीवंत उदाहरण है। इस बार उत्सव की शुरुआत भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से होगी, जो कि इस पर्व का केंद्र बिंदु है।
कुल्लू दशहरा का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है और इसे भगवान रघुनाथ की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हर साल, रघुनाथ जी की रथयात्रा नगर में एक भव्य शोभायात्रा के रूप में निकलती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु होते हैं। इस यात्रा के दौरान, रथ को सजाया जाता है और भक्तगण गीत गाते तथा नृत्य करते हैं। यह दृश्य न केवल दर्शनीय होता है, बल्कि यह सभी को एकजुट करने का भी कार्य करते है।
उत्सव के दौरान कुल्लू की घाटी में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय कलाकार नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यहाँ परंपरागत वाद्ययंत्रों की धुन पर नृत्य करते लोग और रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे कलाकार एक अद्भुत माहौल बनाएंगे।
कुल्लू का दशहरा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह सामुदायिक एकता, सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं का एक अद्भुत मेल है। इस साल, श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही इस पर्व को विशेष रूप से मनाने के लिए उत्सुक हैं, और यह निश्चित रूप से एक यादगार अनुभव बनेगा।