इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ, twitter- @shwetamedia207
लखनऊ नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया है, जिसमें शहर के विकास और नागरिक सुविधाओं को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं। महापौर की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस बजट को मंजूरी दी गई। खास बात यह रही कि इस बार महापौर और नगर आयुक्त ने अपनी निधि में कटौती की है, जबकि पार्षदों के विकास कोटे को बढ़ा दिया गया है।
बजट में सफाई व्यवस्था, जल निकासी, स्कूलों की मरम्मत, पार्कों की देखरेख और डिजिटल प्रशासन को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं। यूजर चार्ज को गृहकर से जोड़ने जैसे कई नए प्रावधान भी किए गए हैं, जिससे नगर निगम की आय में सुधार होगा और सुविधाएं बेहतर होंगी। इस बार के बजट का मकसद लखनऊ को एक स्मार्ट और स्वच्छ शहर बनाना है, जिससे हर नागरिक को फायदा हो सके।
लखनऊ नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया है। महापौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यकारिणी समिति ने कई अहम संशोधनों के साथ इस बजट को मंजूरी दी। बजट में कुल आय 4,23,663.51 लाख रुपये और कुल व्यय 3,25,496.05 लाख रुपये प्रस्तावित किया गया है। इस बजट में शहर के विकास कार्यों, सफाई, जल निकासी और पार्कों की मरम्मत के लिए बड़ी धनराशि का आवंटन किया गया है।
बैठक में पार्षदों की निधि 2 करोड़ 10 लाख कर दी गई। यह जीएसटी जोड़कर है। महापौर और नगर आयुक्त की निधि को कम किया गया है। पहले नगर आयुक्त की निधि 25 करोड़ की थी जोकि घटाकर अब 10 करोड़ रुपये कर दी गई है। वहीं महापौर की निधि 30 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है। नगर निगम ने इस बार शहर के शमशानों और पार्कों के सुधार पर विशेष ध्यान दिया है। शमशान मरम्मत के लिए पहले 10 लाख रुपये रखे गए थे, जिसे बढ़ाकर 100 लाख रुपये कर दिया गया है। इसी तरह पार्कों की बाउंड्री, रंगाई-पुताई और रखरखाव के लिए 200 लाख रुपये के बजट को बढ़ाकर 600 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे शहर के पार्कों की स्थिति में सुधार होगा और लोग स्वच्छ व सुंदर वातावरण में समय बिता सकेंगे।
स्कूलों के लिए बड़ी सौगात-
शहर में स्कूलों की मरम्मत और नए स्कूलों के निर्माण के लिए भी बजट में अच्छी रकम रखी गई है। पहले यह राशि 100 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 500 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा मिल सकेगी।
डिजिटलीकरण को बढ़ावा-
नगर निगम ने ई-ऑफिस और कंप्यूटरीकरण पर भी ध्यान दिया है। पहले इसके लिए 300 लाख रुपये रखे गए थे, जिसे बढ़ाकर 400 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आएगी और नगर निगम से जुड़ी सेवाओं को ऑनलाइन किया जाएगा।
वार्ड विकास के लिए बढ़ी राशि-
हर वार्ड को मिलने वाली वार्ड विकास प्राथमिकता निधि को प्रति वार्ड 150 लाख रुपये से बढ़ाकर प्रति वार्ड 210 लाख रुपये कर दिया गया है। इस फंड का उपयोग सड़कों, गलियों, पार्कों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों के विकास में किया जाएगा। अगर किसी विकसित वार्ड में यह धनराशि बचती है, तो उसे अन्य अविकसित वार्डों में खर्च किया जाएगा।
सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान-
शहर की सफाई व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए 330 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। सफाई कर्मचारियों और कचरा प्रबंधन के लिए 130 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है। इसके अलावा, नालों की सफाई के लिए 15 करोड़ रुपये, डीजल-पेट्रोल पर 20 करोड़ रुपये और प्रकाश व्यवस्था के लिए 48 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे उम्मीद है कि शहर की सफाई व्यवस्था पहले से बेहतर होगी।