महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का जनसैलाब लगातार बढ़ता जा रहा है। जैसे ही दिन की शुरुआत होती है प्रयागराज शहर जाम की समस्या से जूझने लगता है। श्रद्धालु कुंभ मेला में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हर ओर से उमड़ रहे हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है। खासकर झूसी इलाके में स्थित शास्त्री ब्रिज के पास स्थिति काफी जटिल हो गई है। यहां प्रशासन ने श्रद्धालुओं के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था की है।
जो श्रद्धालु सेक्टर 18-19 में जाने के लिए आ रहे हैं, उन्हें शास्त्री ब्रिज से होकर ही मेला परिसर में प्रवेश करना पड़ रहा है। शास्त्री ब्रिज पार करना श्रद्धालुओं के लिए एक लंबा और थकाऊ सफर बन गया है। यात्री पैदल ही इस ब्रिज को पार कर मेला क्षेत्र में पहुंच रहे हैं, जहां तक उनका मार्ग लगभग दो किलोमीटर का है। इस सफर को तय करने में श्रद्धालुओं को औसतन ढाई घंटे का समय लग रहा है, जो आमतौर पर इस दूरी को पैदल चलकर 20-30 मिनट में तय किया जा सकता है।
इसी कारण व्हीकल यात्री भी जाम की समस्या से परेशान हैं। कई वाहन घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं। इस भीड़-भाड़ और जाम की स्थिति के कारण प्रशासन को यातायात व्यवस्था में सुधार करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि कई बार वाहनों को अन्य मार्गों से गुजारने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन फिर भी जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही है।
शास्त्री ब्रिज की बैरिकेडिंग व्यवस्था के बावजूद, श्रद्धालुओं का भारी दबाव प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। हालांकि, प्रशासन ने सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं, लेकिन इन भयंकर जामों के कारण भीड़-भाड़ की स्थिति में कड़ी निगरानी और समुचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इसके अलावा, प्रशासन को इस बढ़ते जनसैलाब के दौरान ट्रैफिक और पैदल यात्री मार्गों के बेहतर प्रबंधन के लिए और भी कदम उठाने होंगे ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कार्यों में भाग ले सकें।