मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व आज, 7 मार्च 2025 को मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का पर्व बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की पूजा का विशेष दिन होता है और खासतौर पर महिलाओं द्वारा इसे धूमधाम से मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी का दिन देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और आस्था को प्रकट करने का महत्वपूर्ण अवसर होता है। तो जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
पूजा विधि
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा करने का महत्व है। पूजा विधि में निम्नलिखित steps शामिल हैं:
स्नान और शुद्धता: सबसे पहले सुबह उबटन करके स्वच्छ स्नान करें और फिर नए कपड़े पहनें। इस दिन व्रति रहने का भी महत्व है।
मंदिर या घर में देवी दुर्गा की पूजा: पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र रखें। फिर दीपक जलाएं और कच्चे नारियल, गुलाब के फूल, अगरबत्ती और धूपबत्ती का इस्तेमाल करें।
गायत्री मंत्र का जाप: पूजा के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करना उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें। दुर्गा सप्तशती के पाठ से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
नवदुर्गा का पूजन: इस दिन विशेष रूप से नवदुर्गा का पूजन करें। अगर संभव हो तो देवी दुर्गा के 9 रूपों का पूजन करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करें।
फल, मिठाई और भोग अर्पित करें: देवी को विभिन्न प्रकार के फल, मिठाई और पंखुड़ियाँ अर्पित करें। इसके बाद उन चीजों को श्रद्धापूर्वक वितरित करें।
उपवासी रहना: इस दिन व्रति रहने का महत्व है, जिससे व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक शुद्धिकरण होता है।
शुभ मुहूर्त
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है, और इस दिन का शुभ मुहूर्त भी महत्वपूर्ण होता है। 7 मार्च 2025 को दुर्गाष्टमी की पूजा का शुभ समय प्रात: 6:00 बजे से लेकर 8:00 बजे तक रहेगा। यह समय देवी दुर्गा की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम रहेगा। इस अवधि में देवी दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण और पूजा विधि से किए गए कार्यों से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।