बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार भारत के विरोधियों से करीबी बढ़ाने में पीछे नहीं हट रही है। हाल ही में, जॉर्ज सोरोस के बेटे और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के प्रमुख एलेक्स सोरोस ने ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की।
ओपन सोसाइटी फाउंडेशन का बढ़ता प्रभाव
एलेक्स सोरोस, जो अपने पिता जॉर्ज सोरोस द्वारा स्थापित ओपन सोसायटी फाउंडेशन के चेयरमैन हैं, ने इस मुलाकात के दौरान यूनुस सरकार को आर्थिक मदद देने की पेशकश की। यह वही फाउंडेशन है, जिस पर कई देशों में राजनीतिक हस्तक्षेप करने के आरोप लग चुके हैं।
सोरोस का बयान, बड़े सुधारों पर चर्चा
मुलाकात के बाद, एलेक्स सोरोस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,
"मानवाधिकारों के चैम्पियन और ओपन सोसायटी के पुराने मित्र मोहम्मद यूनुस से मिलने के लिए ढाका आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह बांग्लादेश में बदलाव का अहम समय है। हमने सुधारों और निवेश सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।"
ट्रंप प्रशासन की सख्ती से यूनुस सरकार पर दबाव
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन बांग्लादेश को दी जाने वाली अरबों डॉलर की सहायता पर रोक लगाने की बात कर रहा है। तीन दिन पहले ही ट्रंप ने इस फंडिंग की गहन जांच कराने की घोषणा की थी।
गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में जॉर्ज सोरोस को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था।
हिलेरी क्लिंटन और फंडिंग का विवाद
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन पर आरोप लग चुके हैं कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मोहम्मद यूनुस को 13 मिलियन डॉलर (लगभग 108 करोड़ रुपये) से अधिक का अनुदान दिलवाया था। ट्रंप प्रशासन इस फंडिंग की भी जांच कर सकता है।
यूनुस की बेटी पर भी जांच के संकेत
इस पूरे घटनाक्रम में मोहम्मद यूनुस की बेटी मोनिका यूनुस पर भी खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका में रहने वाली मोनिका का बाइडन प्रशासन में प्रभावशाली भूमिका रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन उनके कामकाज की भी समीक्षा कर सकता है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल तेज
इन घटनाओं के चलते बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मच गई है। भारत भी इन गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि ओपन सोसायटी फाउंडेशन का इतिहास कई देशों में अस्थिरता फैलाने से जुड़ा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।