नीम का थाना:-नीमकाथाना जिले की पाटन तहसील है पाटन पंचायत समिति है , यहां पर अनेक अधिकारी बैठते हैं, अधिकारी विकास अधिकारी(BDO) प्रधान भी बैठता है, पाटन मजिस्ट्रेट भी बैठता है ,फिर भी शहर की यह हालत है ।
जो आपको यह बयान करते हैं कि यहां बीमारी के अलावा यहाँ का प्रशासन भी बीमार है और कुछ नहीं है कहने को तो पाटन को महलों की नगरी भी कहते हैं तवरावाटी के नाम से भी जाना जाता है शहर की बीच में जो आप गंदगी देख रहे हैं ।
इससे पूरा पाटन शहर बीमार हो सकता है इतनी गंदगी को देखकर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि पाटन में यह गंदगी बीमारी को निमंत्रण देती है लेकिन तहसील के हिसाब से पाटन में कोई ऐसी सुविधा नहीं है पाटन में सबसे ज्यादा गंदगी फैली हुई है सड़क के किनारे भी इतनी गंदगी पड़ी रहती है कि आने जाने वाले राहगिरो को भी परेशानी होती है।
पाटन में नाले के अंदर इतनी गंदगी पड़ी है कि देखने वाले को भी अफसोस होता है कि पाटन है क्या, शौचालय शाम को 6:00 बजे ही बंद हो जाता है सुबह 8.00 बजे खुलता है पाटन ग्राम पंचायत का सरपंच भी कुंभकरण की नींद सोता है और यहां का प्रशासन भी कुंभकरण की नींद सोता है इनको साफ सफाई से कोई लेना-देना नहीं है यह वह तस्वीर है जो पाटन शहर के बीचो बीच की है । यह स्वच्छ भारत अभियान की एक तस्वीर है।