प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 71 वर्षों के बाद यह आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हो रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य समकालीन विमर्श में मराठी साहित्य की भूमिका का पता लगाना और उसकी कालातीत प्रासंगिकता को रेखांकित करना है।
प्रधानमंत्री का संबोधन और उद्घाटन समारोह
प्रधानमंत्री मोदी इस ऐतिहासिक अवसर पर सभा को संबोधित करेंगे और विज्ञान भवन में शाम साढ़े चार बजे सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह आयोजन उस समय हो रहा है जब केंद्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। 21 से 23 फरवरी तक चलने वाला यह सम्मेलन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव होगा।
विविध कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रदर्शन
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में पैनल चर्चाओं, पुस्तक प्रदर्शनियों, सांस्कृतिक प्रदर्शनों और साहित्यिक हस्तियों के साथ इंटरएक्टिव सत्रों का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम मराठी साहित्य की प्रासंगिकता और उसके समकालीन संवाद में योगदान को उजागर करेगा।
साहित्यिक ट्रेन यात्रा और अन्य विशेष आयोजन
इस कार्यक्रम में एक प्रतीकात्मक साहित्यिक ट्रेन यात्रा भी होगी, जो पुणे से दिल्ली तक जाएगी। इस यात्रा में 1,200 प्रतिभागी शामिल होंगे और यह साहित्य की एकीकृत भावना को प्रदर्शित करेगी। सम्मेलन में मराठी साहित्य पर चर्चा करते हुए भाषा संरक्षण, अनुवाद और साहित्यिक कार्यों पर डिजिटलीकरण के प्रभाव के मुद्दों पर भी विमर्श होगा।
असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आयोजन
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी 'एडवांटेज असम 2.0' पहल के तहत असम सरकार द्वारा आयोजित झुमोइर बिनंदिनी कार्यक्रम के मेगा इवेंट में भी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन होगा। 24 फरवरी को गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में असम के 27 जिलों के 5,399 महिला नर्तक, 2,175 पुरुष नर्तक और 2,074 संगीतकार पारंपरिक झुमोइर नृत्य का प्रदर्शन करेंगे।