महांत श्री सुदर्शन दास जी ने भक्तो से कहा भगवत मार्ग पर चलने के लिए मनुष्य को ईश्वर से नहीं अपने कर्मों से डरना चाहिए क्योंकि जैसा भी हम कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है । ईश्वर तो बहोत दयालु है वे कभी भी हमारे कर्म फल पर हस्तक्षेप नहीं करते हैं । अतः भगवान की भक्ति बिना डरे पुरी श्रद्धा और विश्वास के साथ प्रेम पूर्वक करनी चाहिए । भक्ति मार्ग में सिर्फ़ प्रेमी ही चल सकते हैं ।
श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक- परमहंस आनंदपुर आश्रम एवं समस्त पंजाबी समाज मैनपुरी .