उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में गणतंत्र दिवस के दिन अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. वहीं एक बार फिर एएमयू में निलंबित छात्र के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ने प्रदर्शन किया है. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने अल्लाह हू अकबर और नारा-ए-तकबीर के नारे लगाए.
बता दें कि यह शोर अलिगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उन्मादी छात्रों का है. उन उन्मादी छात्रों का जिनकी पढ़ाई भी अभी पूरी नहीं हुई है. परिसर में लग रहे इन नारों को सुनने के बाद शायद आपको ये जानकर जरा भी हैरानी न हो कि ये छात्र अपने उन जिगरी यारों का समर्थन कर रहे हैं जिन्हें यूनिवर्सिटी का प्रशासन निलंबित कर चुका है.
बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर एएमयू में निलंबित छात्र के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ने प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने अल्लाह हू अकबर और नारा-ए-तकबीर के नारे लगाए थे. प्रदर्शनकारी छात्रों ने अपने साथी छात्र के निलंबन को रद्द करने की मांग की थी.
वहीं इस संबंध में छात्रों ने एक ज्ञापन भी सौंपा है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए तथ्य एकदम सही हैं. छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नमाज के बाद जामा मस्जिद से बाबा सैयद गेट तक एक विरोध मार्च निकाला था.
वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर वसीम अली ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक छात्र द्वारा कुछ स्लोगन लगाए गए थे जिसके चलते उसे निलंबित किया गया था. छात्रों द्वारा कैंपस में प्रदर्शन किया गया और निलंबित छात्रों को बहाल किए जाने की मांग की गई है. लेकिन ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर गणतंत्र दिवस के दिन अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने वाले उन्मादी छात्रों का समर्थन क्यों किया जा रहा है.