राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान, स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने एक नया विधेयक प्रस्तुत किया, जो राज्य में धर्म परिवर्तन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रस्ताव करता है। यह विधेयक आगामी सत्र में बहस के बाद पारित किया जाएगा, लेकिन इसकी तारीख बाद में निर्धारित की जाएगी।
कलेक्टर को सूचित करना अनिवार्य
इस विधेयक के तहत, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे धर्म परिवर्तन से कम से कम 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचित करना आवश्यक होगा। इससे प्रशासन को धर्म परिवर्तन के मामलों पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी।
लव जिहाद पर कठोर प्रावधान
विधेयक में लव जिहाद को भी विशेष ध्यान में रखा गया है। इसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से शादी करता है, तो उसे लव जिहाद माना जाएगा। यदि यह साबित होता है कि विवाह का उद्देश्य धर्म परिवर्तन था, तो फैमिली कोर्ट उस विवाह को अवैध घोषित कर सकता है।
सजा के कड़े प्रावधान
धर्म परिवर्तन के मामलों में सजा के भी कड़े प्रावधान हैं। यदि कोई व्यक्ति पहले बार धर्म परिवर्तन करता है तो उसे 1 से 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, अगर किसी नाबालिग या एससी-एसटी समुदाय के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो सजा की अवधि 3 से 10 साल तक हो सकती है। सामूहिक धर्म परिवर्तन या बार-बार धर्म परिवर्तन करने पर भी सख्त दंड का प्रावधान है।
इस विधेयक के माध्यम से सरकार ने धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने और लव जिहाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।