उत्तराखंड में समान नागरिक कानून संहिता (UCC) की अधिसूचना जारी करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह राज्य और देश दोनों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। मुख्यमंत्री ने कहा, "यह कदम समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है, और इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों ने कठिन परिश्रम किया। सभी ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया है।"
संविधान सभा को श्रद्धांजलि और समानता का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करके उत्तराखंड सरकार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है। इसके लागू होने के बाद, राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिल गए हैं और अब सभी धर्मों की महिलाओं के लिए एक समान कानून लागू होगा। सीएम धामी ने बताया कि इस कानून के लागू होने से हलाला, इद्दत, बहुविवाह और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है यह कानून
सीएम ने स्पष्ट किया कि समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, "यह समाज में समानता लाने का कानूनी प्रयास है, और इसमें किसी प्रथा को बदलने का उद्देश्य नहीं है बल्कि कुप्रथाओं को समाप्त करने का लक्ष्य है।"
UCC का दायरा और इसके लागू होने की प्रक्रिया
यूसीसी का लागू होने का दायरा उत्तराखंड के सम्पूर्ण राज्य तक होगा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। राज्य के बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर भी यह कानून लागू होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे, जबकि नगर क्षेत्रों में एसडीएम रजिस्ट्रार और कार्यकारी अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। नगर निगम और छावनी क्षेत्रों में संबंधित अधिकारी रजिस्ट्रार जनरल के आदेशों का पालन करेंगे।
रजिस्ट्रार जनरल और अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी
रजिस्ट्रार जनरल के कर्तव्यों के तहत, यदि रजिस्ट्रार निर्धारित समय में कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मामला स्वचालित रूप से रजिस्ट्रार जनरल के पास भेजा जाएगा। इसके अलावा, रजिस्ट्रार जनरल के पास 60 दिनों के भीतर अपीलों का निपटारा करने और आदेश जारी करने का अधिकार होगा।
सब रजिस्ट्रार के कर्तव्यों में आवेदकों से दस्तावेजों की जांच करना, नियमों का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना लगाना और पुलिस को सूचित करना शामिल होगा। साथ ही, विवाह जानकारी सत्यापित नहीं होने पर माता-पिता या अभिभावकों को सूचित किया जाएगा।