दिल्ली विधानसभा चुनावों के अभियान में जुटी भाजपा ने केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए अब मैदान में उतार दिया है। रविवार 5 जनवरी को पार्टी कार्यालय में तोखन को साहू समाज के महासम्मेलन का जिम्मा सौंपा गया है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित ये महासम्मेलन आगामी चुनावों के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है। साहू समाज की बड़ी जनसंख्या दिल्ली की हर विधानसभा में रहती है। दर्जनभर से ज्यादा सीटों पर हार-जीत के चुनावी नतीजों पर साहू समाज का सीधा प्रभाव पड़ता आया है। इस लिहाज से तोखन को दी गई यह जिम्मेदारी अहम मानी जा रही है।
झारखंड चुनावों में बेहतर प्रदर्शन ने बढ़ाया कद
पिछले दिनों ही झारखंड विधानसभा के चुनावों में आए नतीजों से तोखन की विश्वसनीयता और राजनीतिक साख को और बढ़ा है। पार्टी ने तोखन को झारखंड की मनिका, चतरा, लातेहार और सिमरिया विधानसभा में प्रभारी बनाकर भेजा था। विपरीत परिस्थितियों में भी तोखन ने कड़ी मेहनत से इनमें से तीन सीटों पर पार्टी को जीत दिलाई थी। तोखन के रणनीतिक कौशल, संगठन के सालों के अनुभव का लाभ पार्टी को इस दौरान हुआ था। उनके लगातार दौरे करने के बाद क्षेत्र के बड़े नेता जो कांग्रेस और झामुमो जैसी पार्टियों के चेहरे माने जाते थे, उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। तोखन की इन्हीं रणनीतियों ने विरोधी दलों की कमर तोड़कर रख दी थी। इसी कौशल को देखते हुए अब पार्टी संगठन ने उन्हें दिल्ली चुनावों के लिए भी दायित्व सौंप दिया है।
क्या हैं लगातार जिम्मेदारी के राजनीतिक मायने
बिलासपुर लोकसभा सीट से रिकॉर्ड जीत हासिल करने के बाद से ही पार्टी तोखन को लगातार ज़िम्मेदारियां दे रही हैं। पहले मोदी मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्हें पीएम आवास, स्मार्ट सिटी जैसे ड्रीम प्रोजेक्ट के मंत्रालय आवासन और शहरी विकास में राज्यमंत्री बनाया और फिर झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाकर भेजा। अब दिल्ली चुनावों के लिए भी तोखन को पार्टी संगठन की ओर से दायित्व सौंपा जाना साफ इशारा करता है कि संगठन ने तोखन की राजनीतिक - रणनीतिक समझ और चुनाव प्रबंधन पर भरोसा जताया है।