आज, 3 जनवरी 2025 को विनायक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका अत्यधिक महत्व है। विनायक चतुर्दशी को "गणेश चतुर्दशी" भी कहा जाता है, जो गणेश जी की आराधना के लिए उपयुक्त दिन होता है। इस दिन पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। विशेष रूप से यह दिन हर तरह के कष्टों और विघ्नों को दूर करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। तो जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्दशी के दिन पूजा का सर्वोत्तम समय प्रात: 6:40 बजे से 8:50 बजे तक है। यह समय विशेष रूप से गणेश पूजा के लिए शुभ और लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, दिनभर गणेश जी की पूजा की जा सकती है, लेकिन यह मुहूर्त सबसे विशेष और पुण्य देने वाला है। इस समय में पूजा करने से दोगुना फल मिलता है और भक्तों के सभी काम बनने लगते हैं।
पूजा विधि
घर की सफाई और पूजा स्थल का शुद्धिकरण: सबसे पहले घर को अच्छी तरह से साफ करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें। इस दिन घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
गणेश जी की स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। यह सुनिश्चित करें कि प्रतिमा या चित्र साफ और सुवासित हो।
गणेश जी को स्नान कराएं: मूर्ति पर गंगाजल, दूध या पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) से अभिषेक करें।
प्रसाद चढ़ाएं: गणेश जी को उनके प्रिय प्रसाद, लड्डू और मोदक चढ़ाएं। ये विशेष रूप से भगवान गणेश को प्रिय होते हैं।
मंत्र जाप करें: पूजा के दौरान “ॐ गण गणपतये नम:” और “गणेश गायत्री मंत्र” का जाप करें। यह मंत्र मानसिक शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
आरती और भजन: पूजा के बाद गणेश जी की आरती गाएं और भक्तिपूर्वक भजन करें। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
व्रत और दान: इस दिन व्रत रखें और जरूरतमंदों को लड्डू या अन्य प्रसाद दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और दरिद्रता दूर होती है।