जिले में खुले बोर वेल वाली समस्या है, यह ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर पर देखने में आती है, यह बोर वेल चाहे निजी कार्य से हो या सरकारी कार्य से हो, कई बार बोरिंग की जाती है और यदि वे सफल नहीं रहते हैं, तो बोरवेल या ट्यूबवेल खुले छोड़ दिए जाते हैं, ऐसी स्थिति में वहां पर गड्ढा कायम रहता है और उस गड्ढे में गिर करके किसी न किसी अबोध छोटे बच्चे को अपने प्राणों से हाथ धो बैठना पड़ता है या वह गंभीर रूप से घायल हो जाता है।
इस संबंध में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा हमारा कर्तव्य है कि हम किसी भी मासूम की जान को इस तरह से दाव पर ना लगने दे, सरकार ने भी इसके लिए निर्देश दिए हैं और उच्चतम न्यायालय के निर्देश भी स्पष्ट है। उन्होंने कहा 1 अप्रैल से काम करना प्रारंभ किया जायेगा कि हमारे हर अनुविभाग में, हर सब डिवीजन में कम से कम पांच-पांच बोर ऐसे चिन्हांकित किये जायें जो खुले हुए हैं और इन पांच- पांच बोर यानी कुल 20 बोर अंकित करेंगे जो खुले हुए हैं और इन्हें हम जन सहयोग से स्थानीय व्यवस्थाओं के माध्यम से ढकने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा संबंधित एसडीएम पहले खुले हुए बोर की स्थिति और फिर भरे हुए बोर की स्थिति जिओ टेग करके भेजेंगे और सभी से आग्रह है कि यदि कहीं ऐसा खुला हुआ बोर दिखता है तो हमें टेग करें, हमें बताएं। यदि जनमानस ने यह काम किया तो यह समाज के लिए आपका बहुत बड़ा योगदान होगा, जाने अनजाने किसी अबोध बालक या बालिका की जान बचाने में सक्षम हो पाएंगे और यह बहुत बड़ा काम होगा। उन्होंने कहा मेरा यह व्यक्तिगत आग्रह है आपको कहीं खुले बोर दिखाई देते है तो हमें बताएं, अधिकारी अपना काम करेंगे ही इसमें आप सभी के सहयोग की भी मुझे बहुत अपेक्षा है। यह अभियान के रूप में 01 अप्रैल से चलाया जायेगा।
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