बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस एक बार फिर कट्टरपंथी ताकतों के दबाव में आ गए हैं। हाल ही में, बांग्लादेश सरकार ने अपने राजदूत हारुन अल-रशीद का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया है। यह कदम हारुन अल-रशीद द्वारा की गई एक विवादास्पद फेसबुक पोस्ट के बाद उठाया गया, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के मुसलमानों को भारत के खिलाफ भड़काने वाले तत्वों के बारे में लिखा था।
सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट ने बढ़ाई सरकार की परेशानी
हारुन अल-रशीद ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के भीतर राजनीतिक स्थिति और शेख हसीना की सरकार की आलोचना की थी। उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश सरकार की आलोचना शुरू कर दी, जिसके बाद सरकार ने तुरंत हारुन अल-रशीद का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया।
कनाडा में चले गए थे हारुन अल-रशीद
बांग्लादेश की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 11 दिसंबर को बांग्लादेश सरकार ने हारुन अल-रशीद को मोरक्को से ढाका लौटने का आदेश दिया था। हालांकि, उन्होंने इस आदेश की अनदेखी करते हुए कनाडा का रुख किया। कनाडा में रहते हुए उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में अंतरिम सरकार की आलोचना की और बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को लेकर चिंता जताई।
हारुन अल-रशीद की fb पोस्ट पर सरकार की प्रतिक्रिया
हारुन अल-रशीद ने अपनी पोस्ट में लिखा था, "बांग्लादेश के लिए एक गंभीर अपील – और मेरे लिए भी।" उन्होंने अपने पोस्ट में 5 अगस्त, 2024 को हुए घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दिन बांग्लादेश ने एक काले दिन को देखा, जब शेख हसीना की सरकार को एक योजनाबद्ध आतंकी हमले के जरिए उखाड़ फेंका गया। इसके बाद बांग्लादेश की राजनीति में अराजकता का दौर शुरू हो गया और मुहम्मद यूनुस तानाशाही की भूमिका में आ गए।
परिवार का पासपोर्ट भी रद्द
हारुन अल-रशीद की इस पोस्ट के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया। विदेश मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए हारुन अल-रशीद और उनके परिवार के पासपोर्ट रद्द करने के आदेश दिए। इसके साथ ही, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू करने की बात कही गई है।