शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में इस बार बैग को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले। कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने जहां बैग के जरिए फलस्तीन और अल्पसंख्यकों के मुद्दे उठाए, वहीं भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए 1984 सिख दंगों की याद दिलाई।
प्रियंका गांधी का अल्पसंख्यकों के पक्ष में संदेश
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पहले फलस्तीन का मुद्दा उठाते हुए संसद में एक ऐसा बैग लेकर पहुंची, जिस पर फलस्तीन के समर्थन का संदेश लिखा था। इसके बाद, उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का मुद्दा भी उठाया। इस बार उनके बैग पर हिंदू समर्थन का नारा दर्ज था। प्रियंका ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन मुद्दों की अनदेखी कर रही है और अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने का दावा किया।
भाजपा का पलटवार: 1984 का बैग
प्रियंका के कदम का जवाब देते हुए भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने एक खास बैग प्रियंका गांधी को सौंपा। इस बैग पर "1984" लिखा था, जिसे खून से सना हुआ दिखाया गया था। भाजपा ने इस प्रतीकात्मक कदम के जरिए 1984 के सिख विरोधी दंगों की याद दिलाई और कांग्रेस पर सवाल उठाए। सारंगी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास हमेशा से विवादों और विफलताओं से जुड़ा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जनता ने बार-बार कांग्रेस को नकारा है।
संसद में हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित
शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन भी हंगामेदार रहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लगातार शोरगुल के चलते लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। वहीं, राज्यसभा में भी हंगामे के कारण कार्यवाही रोक दी गई। बैग के माध्यम से शुरू हुई यह राजनीति सत्र के आखिरी दिन तक जारी रही। यह विवाद न केवल सत्र के माहौल को प्रभावित करता है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच तीखे मतभेदों को भी उजागर करता है।