बंगलदेशी घुसपैठियों के निशाने पर अब भारत के किन्नरों का भी वो अधिकार है जो सदियों की परंपरा जैसा चला आ रहा है। शादियों से ले कर तमाम शुभ कार्यों मे खुशी से मिलने वाले नेग पर भी अब बांग्लादेशी घुसपैठी डाका डालने वाले हैं। इसी क्रम मे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने 5 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। ये घुसपैठी अपनी पहचान छिपाने के लिए ट्रांसजेंडर बन कर रह रहे थे। पकड़े गए आरोपितों के नाम मोहम्मद शकीदुल, दुलाल अख्तर, अमीरूल इस्लाम, मोहम्मद माहिर और सद्दाम हुसैन हैं। इन सभी ने लिंग परिवर्तन करवा के लड़कियों का नाम बदल कर राष्ट्रीय राजधानी को ठिकाना बना चुके थे। पुलिस की यह कार्रवाई मंगलवार (8 अप्रैल 2025) की है।
यह मामला दिल्ली के उत्तर पश्चिम क्षेत्र का है। सोमवार को यहाँ के स्पेशल स्टाफ पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। अवैध घुसपैठियों पर एक्शन के लिए बनाई गई एक टीम जहांगीरपुरी और महेन्द्रा पार्क क्षेत्र में तलाशी अभियान पर थी। इस टीम को लंबे समय से खुफिया इनपुट मिल रहे थे। पिछले एक सप्ताह से पुलिस टीम सोशल मीडिया और सर्विलांस के साथ जमीनी स्तर पर इनकी रेकी कर रही थी। आखिरकार इन सभी को दबिश दे कर दबोच लिया गया। पाँचों ने अपना ठिकाना दिल्ली का दरियागंज बना रखा था।
ये पाँचों दरियागंज के माता सुंदरी रोड पर पड़ने वाले डीडीए फ्लैट मे रहते थे। पाँचों ने अपनी पहचान बदलने के लिए अपना लिंग तक बदलवा लिया था। ये सभी नाम बदलने के साथ ट्रांसजेंडर बन चुके थे। पकड़े गए पहले घुसपैठी की पहचान 24 वर्षीय मोहम्मद शकीदुल के तौर पर हुई। वह बांगलादेश के शेरपुर का रहने वाला है। 36 साल का दूसरा आरोपित दुलाल अख्तर है जो बांग्लादेश मे जमालपुर का निवासी है। लिंग बदलवा कर अख्तर हाजरा नाम रख चुका था।
मोनिका नाम से रह रहे तीसरे 31 वर्षीय आरोपित की असल पहचान अमीनुल इस्लाम के तौर पर हुई। वह बांग्लादेश के ढाका का मूल निवासी निकला। 22 साल का मोहम्मद माहिर ट्रांसजेंडर बन कर माही नाम रख चुका था। वह बांगलादेश के ताँगाइल का रहने वाला है। पाँचवे और अंतिम आरोपित की पहचान 30 वर्षीय सद्दाम हुसैन के तौर पर हुई। वह बांग्लादेश के दिनाजपुर का रहने वाला है। पुलिस ने इन सभी के पास से 7 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। बांगलादेश मे बात करने के लिए ये सभी imo एप प्रयोग मे लाते थे।
पाँचों बाकायदा लड़कियों के कपड़े पहनते थे। इन्हे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले डीडीए फ्लैट मे किसने बसाया इसकी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। पुलिस इन सभी के नेटवर्क से जुड़े बाकी घुसपैठियों की तलाश मे जुटी है। मामले मे जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई जारी है। सभी आरोपितों को वापस बांग्लादेश भेजे जाने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।