दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एसएन ढींगरा ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से कथित तौर पर कैश बरामद होने को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, ये वास्तविक बरामदगी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को एफआईआर दर्ज करने का आदेश देना चाहिए था. न्यायपालिका में भ्रष्टाचार सर्वविदित है. ये आज से नहीं है बहुत पहले से है.
पूर्व जज जस्टिस एसएन ढींगरा ने कहा, हमारी ज्यूडिशरी के महामहिम जिन्हें इसके ऊपर एक्शन लेना चाहिए उन्हें भी मालूम है. लेकिन इसको ठीक करने के लिए और करप्शन को दूर करने के लिए कोई ऐसा उपाय आज तक नहीं किया गया. करप्शन बढ़ते ही जा रहे हैं. आम आदमी को इसका फल भुगतना पड़ता है. इसके अंदर नोट पकड़े गए हैं.
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट को तुरंत एफआईआर दर्ज करने की इजाजत देनी चाहिए थी. उसके साथ-साथ आगे की कार्रवाई की जाए. सुप्रीम कोर्ट को तो ये करना चाहिए था. उन्होंने ट्रांसफर कर दिया. जैसे किसी थानेदार के थाने के अंदर रिश्वत के मामले ज्यादा आ गए तो उसे लाइन हाजिर कर देते हैं.
उन्होंने कहा कि, थोड़े दिन लाइन में रखते हैं फिर लोग भूल जाते हैं और उसे दूसरे थाने में भेज देते हैं. तो यहां भी वही है. हम लोग करप्शन को तो स्वीकार कर चुके हैं. जजों के ऊपर भी करप्शन के जो केस हैं वो कितने सालों चलते हैं. निर्मल यादव का केस 2008 का है वो आज तक चल रहा है. शमित मुखर्जी के केस को चलते हुए तो 25 साल हो गए.