इनपुट- सुमित श्रीवास्तव, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लगाने, उच्चीकृत करने व पुरानी इकाइयों को और अधिक अच्छी तरीके से संचालित करने के लिए ठोस व प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत बहुत सारी सुविधाएं व सहूलियतों के अलावा अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
उन्होंने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के जिलों व मण्डलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने -अपने कार्य क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करें, लोगों को नीति की भी विधिवत जानकारी दी जाय। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने से किसान और अधिक समृद्ध होंगे। आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा । खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना से रोजगार के नये और अच्छे अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज किसी भी दशा में बर्बाद न होने पाये और उनके उत्पादों का उचित मूल्य उन्हें मिले, इसलिए भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की प्रबल आवश्यकता है। उनहोने कहा कि हमारी कोशिश है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों की दीदियों को इससे जोड़ा जाय और इसी उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों की प्रतिभाशाली दीदियों को जिला रिसोर्स परशन के रूप में चयनित किया जायेगा। कहा कि उद्यमो की स्थापना से रोजगार के साधन बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा इस नीति को बेहतर तरीके से लागू करने व योजना का वांछित लाभ दिलाने हेतु मुख्य विकास अधिकारियों व बैंकर्स के साथ शीघ्र बैठक आयोजित की जायेगी। जिला स्तरीय/ मण्डलीय अधिकारियों ने बैठक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। उप मुख्यमंत्री ने उद्यान निदेशालय में स्थापित लैब व ट्रेनिंग संस्थान आदि का भी अवलोकन करते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु किये जा रहे अभिनव प्रयासों की जानकारी दी।