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JPC Report on Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल पर भड़क गया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड... गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल करने की योजना का किया विरोध

सरकारी दखल को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उठाए गंभीर सवाल, संविधानिक अधिकारों की रक्षा की अपील।

Ravi Rohan
  • Feb 13 2025 6:31PM

वक्फ संसोधन बिल के संदर्भ में गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध जताया है। बोर्ड का कहना है कि भारत में अपनी जायदाद पर जितना अधिकार हिंदू और सिख समुदायों का है, उतना ही अधिकार मुस्लिम समुदाय का भी है।

संविधान के तहत वक्फ का अधिकार

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि वक्फ से संबंधित मौजूदा कानून भारतीय संविधान के अंतर्गत आता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को मान्यता देता है। उन्होंने यह भी कहा कि सिखों और हिंदुओं की तरह मुस्लिमों को भी अपनी संपत्ति पर अधिकार होना चाहिए।

नए वक्फ बिल पर सवाल उठाए

पर्सनल लॉ बोर्ड ने नए वक्फ बिल पर सवाल उठाया, जिसमें प्रस्तावित किया गया है कि वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे। इसके अलावा, यह भी कहा गया कि वक्फ बोर्ड में सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी मुस्लिम नहीं हो सकते। बोर्ड ने इस पर आपत्ति जताई और इसे अस्वीकार्य बताया।

हुकूमत से संघर्ष जारी रहेगा

खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने स्पष्ट किया कि बोर्ड का संघर्ष सरकार के खिलाफ है, न कि किसी धर्म विशेष के खिलाफ। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल मुसलमानों के अधिकार की लड़ाई है, और उम्मीद जताई कि सभी इंसाफ पसंद हिंदू भी उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, "हमारे संविधान ने हमें धार्मिक मामलों को चलाने का अधिकार दिया है, और इस अधिकार का उल्लंघन नहीं सहा जाएगा।"

कॉमन सिविल कोड का विरोध

बोर्ड ने कॉमन सिविल कोड पर भी हमला बोला और इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि हर धर्म के अपने धार्मिक और सामाजिक तरीके होते हैं, और एक समान कानून सभी पर थोपना उचित नहीं है। बोर्ड ने सरकार से आग्रह किया कि देश में बढ़ते सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिया जाए, बजाय इसके कि वह वक्फ के खिलाफ काम करें।

कानूनी लड़ाई की घोषणा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वाइस प्रेसिडेंट अरशद मदनी ने कहा कि इस मुद्दे पर कपिल सिब्बल उनके वकील हैं और कानूनी कार्यवाही चल रही है। इसके अलावा, जमियत उलेमा हिंद भी इस लड़ाई में बोर्ड के साथ खड़ा है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि वे वक्फ से जुड़े नए बिल के खिलाफ अपने संघर्ष को जारी रखेंगे और सरकार से अपेक्षाएं रखते हैं कि वह भाईचारे और समानता के सिद्धांतों का पालन करेगी।

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