जया एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, जो माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष, जया एकादशी 8 फरवरी 2025 को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से पापों से मुक्ति, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो जानिए सही विधि पूजा और महत्व।
पूजा विधि
स्नान और शुद्धता: प्रातःकाल उठकर नित्यकर्मों के बाद स्वच्छ होकर व्रत का संकल्प लें।
पुजा स्थल की तैयारी: चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित करें।
पंचामृत से अभिषेक: भगवान विष्णु की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) से स्नान कराएं।
चंदन और पुष्प अर्पण: भगवान विष्णु को चंदन और माता लक्ष्मी को रोली या सिंदूर से तिलक करें। फिर उन्हें पुष्प अर्पित करें।
भोग अर्पण: फल, मिठाई और तुलसी दल का भोग अर्पित करें।
मंत्र जाप: 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
व्रत कथा सुनना: जया एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
आरती: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें, विशेषकर ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
महत्व
जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं, रोग दूर होते हैं, और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। यह व्रत व्यक्ति को सभी कार्यों में विजय दिलाता है।