इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
यूपी एस०टी०एफ० को पिछले 26 वर्षों से फरार चल रहे आरोपी को जनपद सिद्धार्थनगर से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है। महाराष्ट्र में पंजीकृत एक मुकदमे में वहां की पुलिस ने एसटीएफ से सहयोग मांगा था।
जिस पर पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में सत्य प्रकाश सिंह निरीक्षक, एस०टी०एफ० फील्ड इकाई, गोरखपुर द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। इसी बीच जानकारी मिली कि अभियुक्त विनोद कुमार अपने घर पर मौजूद है। यदि शीघ्रता किया जाय तो पकड़ा जा सकता है। इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ टीम व महाराष्ट्र पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए वांछित अभियुक्त को ग्राम परसाहेतिम से गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि दिनांक 28-05-1999 को रात 11:00 बजे मृतक जिगर महेंद्र मेहता के कपड़े के कारखाने में काम करने वाले राजू मेहता, विनोद कुमार पुत्र श्यामलाल गुप्ता, कमलेश ने लाइट खराब होने का हवाला देते जिगर महेंद्र मेहता को कारखाने बुलाया फिर अपने साथी के साथ मिलकर पहले मृतक के साथ मारपीट किये तथा उसके घर फोन करके 10 लाख रूपये की फिरौती मांगे। पैसा नहीं मिला तो अभियुक्त विनोद कुमार ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया उसके बाद से अपने साथियों के साथ मिलकर उसका गला काटकर हत्या कर दिया तथा उसका सामान लूट लिया। जिसके उपरान्त उसके ही स्कूटर से ले जाकर उसको पाइप लाइन में फेंक दिया। पूछताछ पर अभियुक्त विनोद कुमार ने बताया कि मुंबई से भाग कर वह दिल्ली तथा अपने गांव के आसपास रिश्तेदारों के यहां रहता था। जब उसको लगा कि अब उसकी कोई खोज नहीं हो रही है तो वह कुछ दिन पहले अपने गांव के पास एक मेडिकल स्टोर की दुकान चलाता था।