रामनवमी के मौके पर खालिस्तानी सोच के गुर्गों ने प्रशासन को एक कायराना करतूत कर के डराने की नाकाम कोशिश की है। दरअसल, पंजाब के बटाला जिले में स्थित किला लाल सिंह थाना क्षेत्र रामनवमी (6 अप्रैल 2025) की देर रात धमाकों की गूंज से दहल उठा। एक के बाद एक तीन धमाके इतने जबरदस्त थे कि इलाके में सो रहे लोग घबराकर उठ बैठे। चप्पे-चप्पे पर खौफ का माहौल है। रविवार को जैसे ही धमाकों की खबर फैली, पुलिस अलर्ट हो गई, मगर अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। हमले की जिम्मेदारी एक खलिस्तान समर्थक ग्रुप ने ली है।
धमाकों के बाद DSP फतेहगढ़ चूड़ियां विपन कुमार और थाना प्रभारी प्रभजोत सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तुरंत जांच शुरू कर दी। पुलिस फिलहाल इस मामले में ज्यादा जानकारी साझा करने से बच रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि रात करीब 12:35 बजे लगातार तीन धमाकों की आवाज सुनाई दी थी, जिसके बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि, कोई संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति मौके पर नहीं मिला।
हैप्पी पशियां ग्रुप ने कबूली जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी सोशल मीडिया के ज़रिए हैप्पी पशियां ग्रुप ने ली है। ग्रुप ने पोस्ट डालकर साफ लिखा है कि किला लाल सिंह थाने पर हुआ हमला उनका बदला है, क्योंकि पुलिस ने उनके साथियों को पीलीभीत और बटाला में मुठभेड़ों के दौरान मार गिराया था। पोस्ट में हैप्पी पशियां, मनु अगवान और गोपी नवांशहरिया के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने मिलकर इस हमले को अंजाम देने का दावा किया है।
'जिन अफसरों का नाम आएगा, उन्हें सिखाया जाएगा सबक'
ग्रुप ने अपनी पोस्ट में चेतावनी दी है कि पुलिस के जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम इन मुठभेड़ों में सामने आएगा, उन्हें भी निशाना बनाया जाएगा। उनका साफ कहना है कि जब तक पुलिस सिखों के खिलाफ अत्याचार बंद नहीं करेगी, ऐसे हमले जारी रहेंगे। ग्रुप ने सरकार को भी खुली चुनौती दी है कि वे जुल्म का जवाब इसी तरह से देंगे।