विदेशी आक्रांता सालार मसूद गाजी मियां की दरगाह पर हिंदू युवाओं का प्रतिकार! प्रयागराज की धरती पर विदेशी हमलावर के प्रतीक को बर्दाश्त करने से इनकार करते हुए, राम नवमी के दिन युवाओं ने ललकार भर दी- भगवा झंडा लहराकर साफ संदेश दे दिया कि अब आक्रमणकारियों की विरासत नहीं, सनातन की पहचान चमकेगी। मनेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में उठी यह हुंकार न सिर्फ एक झंडा फहराने तक सीमित रही, बल्कि गाजी मियां की दरगाह को मिटाकर, वहां सनातन पूजा स्थल बनाने की खुली मांग के साथ प्रशासन को भी ललकार दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में राम नवमी (6 अप्रैल 2025) के दिन माहौल गरमा गया, जब सिकंदरा क्षेत्र में गाजी मियां की दरगाह पर कुछ युवकों ने भगवा झंडा फहराया। बताया जा रहा है कि मनेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में करीब 20 लोग दरगाह पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए वहां भगवा झंडा गाड़ दिया। मामले के बाद प्रशासन हरकत में आया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
किस बात की प्रेरणा दे रहे है विदेशी आक्रांता?
इन दिनों आक्रांता सालार गाजी का मामला इतना गरमाते जा रहा है कि लोग अब उसके किसी भी प्रतीक को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। आम लोग के साथ हिंदुवादी संगठन अलग-अलग शहरों में गाजी और उसके जैसे ही आक्रान्ताओं की कब्र को खत्म करने की मांग उठा रहे हैं। वे प्रशासन और सरकार से सवाल उठा रहे हैं कि इन आक्रान्ताओं की कब्र दरगाह में कैसे तब्दील हो गई? आखिर इन्होंने ऐसे कौन से ऊंचे दर्जे का काम किया था अपने जीवन में जिससे शिक्षा या प्रेरणा लेने के लिए कुछ लोग उनकी दरगाह या मेले में पहुँच रहे हैं।
और इन आक्रान्ताओं के बारे में जब किसी को जानकारी नहीं है तो उनके मजहब से ताल्लुक ना रखने वाले उनकी दरगाह पर कैसे पहुँच रहे हैं? और बिना जाने-समझे कोई कहीं नहीं जा सकता तो ऐसे लोगों को वहाँ ले जाने वाले कौन हैं? जिनकी दरगाह का जब कोई आधिकारिक रिकार्ड तक नहीं है वहाँ का कोई मामला दर्ज कैसे हो रहा है? ये कुछ गंभीर सवाल है तो ऐसी भ्रष्ट संस्कृति को संदेह के घेरे में लाती है।
मनेंद्र प्रताप सिंह ने बताई झंडा फहराने की वजह
घटना के बाद मनेंद्र प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर साफ कहा कि उनके इस कदम के पीछे मकसद क्या था। मनेंद्र का दावा है कि गाजी मियां दरगाह की जमीन पर पहले हिंदू मज़ार थीं, और वहां किसी विदेशी आक्रांता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उसने प्रशासन से मांग की है कि यह दरगाह हटाकर यह स्थान हिंदू पूजा स्थल में तब्दील कर दिया जाए।
मनेंद्र प्रताप सिंह: कौन है यह चेहरा?
मनेंद्र ने खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का सक्रिय कार्यकर्ता बताया है। सोशल मीडिया पर उसने खुद को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र नेता भी लिखा है। कुछ दिनों पहले वह अपने समर्थकों के साथ प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुका है, जिसमें दरगाह की जमीन की पैमाइश और उसकी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई थी।
"दरगाह को ढहाया जाए" - मनेंद्र की सीधी मांग
मनेंद्र ने अपने बयान में तीखा हमला करते हुए कहा कि सालार मसूद गाजी एक हमलावर था, ऐसे में प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थल पर उसकी दरगाह स्वीकार्य नहीं है। उसने प्रशासन से मांग की कि यह ढांचा गिराकर वहां हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिया जाए। पुलिस का भी कहना है कि इस स्थान पर कुल पांच हिंदू समाधियां मौजूद हैं और गाजी मियां का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
वहीं, पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। घटना के वक्त ड्यूटी पर मौजूद रहे पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।