जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को आतंकी हमला हुआ। जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या हुई है। नृशंस हत्या के बाद अब हमलावरों के स्केच सामने आ गए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आतंकियों की पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान साह, और अबू तल्हा के रूप में की गई है। ये सभी आतंकवादी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के बताए जा रहे हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक फ्रंट संगठन माना जाता है।
इन स्केचों को घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद गवाहों की मदद से तैयार किया गया है। जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब TRF के सभी ज्ञात आतंकियों की तस्वीरों का मिलान इन स्केचों से करेगी।
हमले के बाद आतंकी पास के पहाड़ी इलाकों की ओर भाग निकले। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि आतंकवादी राजौरी से वधावन होते हुए पहलगाम पहुंचे, और ये पूरा इलाका रियासी-उधमपुर बेल्ट में आता है। जांच में खुलासा हुआ है कि ये आतंकी करीब दो हफ्ते पहले भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे।
धर्म पूछकर मारी गई गोलियां
पुणे से आए एक पर्यटक की बेटी, असावरी, जो इस हमले की प्रत्यक्षदर्शी हैं, ने जो बातें बताईं वे बेहद झकझोर देने वाली हैं। असावरी के मुताबिक, आतंकवादियों ने पुरुष पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और हिंदू पहचान सामने आने पर उन्हें गोली मार दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी स्थानीय पुलिस की वर्दी पहने हुए थे, जिससे भ्रम की स्थिति बन गई।
"कलमा पढ़ो" – फिर चलाई गोलियां
असावरी ने बताया कि आतंकियों ने पहले उनके टेंट के पास गोलियां चलाईं, फिर उनके पिता को बाहर बुलाया। उन्होंने कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन का आरोप लगाया और फिर इस्लामिक आयत (संभवत: कलमा) पढ़ने के लिए कहा। जब उनके पिता ऐसा नहीं कर पाए, तो आतंकियों ने तीन गोलियां दाग दीं—सिर, कान और पीठ पर।
इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। सरकार और सेना की ओर से कड़ी कार्रवाई की जा रही है। घुसपैठ की कोशिशों पर कड़ा पहरा, आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज, और जांच एजेंसियों की तैनाती घाटी में बड़ा संदेश दे रही है—भारत अब चुप नहीं बैठेगा।